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तेलंगाना, आंध्र तेलुगू का प्रचार-प्रसार करें : वेंकैया नायडू
हैदराबाद, 21 अगस्त (आईएएनएस)| उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने सोमवार को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को सुझाव दिया है कि दोनों राज्यों को तेलुगू को प्रशासनिक भाषा बना देना चाहिए। साथ ही नायडू ने दोनों राज्यों को सरकारी नौकरी के लिए तेलुगू विषय अनिवार्य किए जाने का सुझाव भी दिया।
तेलंगाना सरकार द्वारा नागरिक सम्मान समारोह के दौरान नायडू ने कहा, मैं यह नहीं कह रहा कि तेलुगू को कामकाज की भाषा बनाई जाए, बल्कि हर व्यक्ति को अनिवार्य रूप से एक भाषा और एक विषय के तौर पर तेलुगू का अध्ययन करना चाहिए।
नायडू ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को तेलुगू को प्रथामिकता दिलाने का सुझाव भी दिया।
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक भाषा वह होनी चाहिए, जिसे अम जनता समझ सके।
अंग्रेजी को ‘बीमारी’ की संज्ञा देते हुए नायडू ने कहा कि इसने सभी को अपने चंगुल में फंसा लिया है।
हालांकि खुद को अंग्रेजी विरोधी नहीं बताते हुए उन्होंने कहा, मुझे पता है कि अंग्रेजी की बीमारी इतनी जल्दी नहीं जाएगी। इसकी दवा भी आसान नहीं है। यह किसी संक्रामक रोग की तरह फैल चुकी है।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि कुछ लोग फैशन के चलते अंग्रेजी सीखते हैं, लेकिन अधिकांश नौकरी हासिल करने के लिए अंग्रेजी पढ़ते हैं।
नायडू ने दोनों मुख्यमंत्रियों को दोनों राज्यों के बीच चल रहे मतभेद बातचीत से सुलझाने का भी सुझाव दिया।
नेशनल
‘बाल विवाह मुक्त भारत’ का शुभारंभ
नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी आज बुधवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय अभियान ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ का शुभारंभ करेंगी। इस दौरान ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ पोर्टल का अनावरण भी किया जाएगा। यह जानकारी कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर भारत सरकार के पत्र एवं सूचना कार्यालय (पीआईबी) की विज्ञप्ति में दी गई।
बाल विवाह के खिलाफ ली जाएगी सामूहिक शपथ
पीआईबी की विज्ञप्ति के अनुसार, यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बाल विवाह की रोकथाम के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और बाल विवाह की घटनाओं की प्रभावी रिपोर्टिंग के अभियान के मिशन का समर्थन करेगा। अन्नपूर्णा देवी बाल विवाह के खिलाफ सामूहिक शपथ का भी नेतृत्व करेंगी। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर भी उपस्थित रहेंगी।
पीएम मोदी का सपना ‘बाल विवाह मुक्त’ देश हो अपना
यह राष्ट्रीय अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 22 जनवरी, 2015 को शुरू की गई प्रमुख योजना ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ की सफलता से प्रेरित है। यह अभियान देश को बाल विवाह मुक्त बनाने पर केंद्रित है। यह अभियान विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए लड़कियों और महिलाओं के बीच शिक्षा, कौशल, उद्यम और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए अनिवार्य साबित होगा।
जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी ने कहा कि बाल विवाह बच्चों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है। आज के इस कार्यक्रम में विभिन्न गाँवों और टोलों से महिलाएँ आई हुई हैं। बल विवाह जैसी घटनाओं को रोकने के लिए 24×7 हेल्पलाइन नंबर 1098 सक्रिय है, आप जरूर रिपोर्ट करें, आपकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
उक्त पदाधिकारियों ने स्कूली बच्चों, महिलाओं और पंचायत प्रतिनिधियों व अन्य को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई। उल्लेखनीय है कि उक्त कार्यक्रम के अलावे जिले में विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रमों एवं रैलियों का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों, पंचायत प्रतिनिधियों, आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, बाल विवाह निषेध अधिकारी एवं बाल विवाह पीड़िताओं ने भाग लिया और बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली।
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