नेशनल
बांग्लादेश पहुंचने की कोशिश में 97 रोहिंग्या की मौत
ढाका, 13 सितम्बर (आईएएनएस)| बांग्लादेश के अधिकारियों ने बुधवार को नाफ नदी के समीप तीन महिलाओं एवं तीन बच्चे समेत नौ रोहिंग्या मुस्लिमों के शव बरामद किए।
बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा के बीच नाफ नदी है।
कॉक्स बाजार खुफिया अधिकारी प्रोवास चंद्र धार ने कहा, म्यांमार में फैली हिंसा के बाद नदी मार्ग पार कर बांग्लादेश आने के क्रम में रोहिंग्या मृतकों की संख्या बढ़कर 97 हो गई है।
एक अधिकारी ने एफे न्यूज को बताया, गत रात नदी से नौ शव बरामद हुए। दो और तीन के शव पर गोली के घाव नजर आए और बाकी की मौत नाव डूबने की वजह से हुई होगी। नाव संभवत: दो या तीन दिन पहले डूबा होगा।
म्यांमार में उग्रवादी समूह के पुलिस एवं मिलिट्री चौकियों पर हमले के बाद फैली हिंसा के बाद बांग्लादेश के दक्षिणपूर्वी भाग में लगातार रोहिंग्या शरणार्थी पहुंच रहे हैं।
उग्रवादी समूह ‘द अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी’ ने शनिवार को लोगों को मानवीय सहायता पहुंचाए जाने के उद्देश्य से एक महीने की संघर्ष विराम की घोषणा की थी जिसे म्यांमार सरकार ने खारिज कर दिया।
इससे पहले पिछले वर्ष के अंत में भी ऐसे ही उग्रवादी हमले के बाद वहां हुई हिंसा के बाद लगभग 80,000 रोहिंग्या वहां से भागकर बांग्लादेश आए थे।
रोहिंग्या संकट से पहले बांग्लादेश में लगभग तीन से पांच लाख रोहिंग्या समुदाय के लोग रहते थे जिनमें से केवल 32,000 को शरणार्थी का दर्जा प्राप्त है।
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात
नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।
मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।
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