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उत्तराखंड

BrTHdy SpcIaL: कवि से लेकर सीबीएफसी चैयरमैन तक, ऐसी है प्रसून जोशी की शख्सियत

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एक दमदार लेखक से लेकर एक सहज अध्यक्ष के रूप में काम करने वाले ‘प्रसून जोशी’ को भला कौन नहीं जनता? जनता उनकी लिखावट के विचारों से जितना ज्यादा खुद को जोड़ पाती है। उससे कहीं ज्यादा वो खुद को जनता से शब्दों के माद्यम से जोड़ने का प्रत्यन करते है। कुछ ऐसा ही मिजाज रखने वाले लीजेंड्री गीतकार प्रसून जोशी जी का आज जन्मदिन है।

16 सितंबर 1971 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में जन्मे प्रसून जोशी को बचपन से ही साहित्य से लगाव था। प्रसून जोशी को लिखने का बहुत शौक था। और उन्होंने यह तय भी कर लिया था कि वह भविष्य में लेखक ही बनेंगे। बचपन में प्रसून ने कवि का किरदार जरूर निभाया था लेकिन उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि वह इतने बड़े कवि बनेंगे।

प्रसून कवि के साथ-साथ एक बहुत ही बड़े लेखक भी है। उन्होंने 17 वर्ष की उम्र में उनकी पहली किताब ’मैं और वो’ लिखी थी. फिर उन्होंने विज्ञापन जगत में कदम रखा। प्रसून ने अपने करियर की शुरुआत एक विज्ञापन और पब्लिक रिलेशन कंपनी से की जहाँ उन्होंने तक़रीबन 10 साल तक काम किया। विज्ञापन जगत में काम करते हुए प्रसून ने कई एड भी लिखे थे। एनडीटीवी की ’सच दिखाते हैं हम’ और कोकाकोला की ’ठंडा मतलब कोकाकोला’ जैसी पंचलाइन भी प्रसून ने ही लिखी थी।

इसके बाद प्रसून ने फ़िल्मी दुनिया में कदम रखा। और बतौर गीतकार उन्होंने बॉलीवुड में राजकुमार संतोषी की फिल्म ‘लज्जा’ से शुरुआत की. फिल्म के हिट होने से प्रसून जोशी के करियर को भी आगे राह मिल गयी। इसके बाद प्रसून ने ‘हम तुम’, ‘फना’, ‘रंग दे बसंती’, ‘तारे जमीं पर’, ‘ब्लैक’ और ‘दिल्ली 6’ जैसी फिल्मों के लिए भी गीत लिखे तो काफी मशहूर और हिट भी हुए।

इसी के साथ प्रसून जोशी लेखक के साथ-साथ गीतकार भी बन गए। फिल्म ‘रंग दे बसंती’ के लिए उन्होंने डायलॉग भी लिखे थे। इतना ही नहीं प्रसून जोशी ने ‘भाग मिल्खा भाग’ जैसी सुपर हिट फिल्म और कई बेस्ट अवार्ड प्राप्त फिल्मो की कहानी लिखी।

दिल्ली में ही एक कंपनी में काम करने के दौरान प्रसून की मुलाकात अपर्णा से हुई। और फिर कई मुलाकातों के बाद प्रसून और अर्पणा ने शादी कर ली। उनकी एक बेटी भी है जिसका नाम ऐशन्या है। प्रसून जोशी की मेहनत और लगन से ही आज उन्होंने इतना बड़ा मकाम हासिल किया है।

 

उत्तराखंड

केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जनता का किया धन्यवाद

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देहरादून: केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत से साबित हो गया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर जनता का विश्वास बढ़ता जा रहा है। ब्रांड मोदी के साथ साथ ब्रांड धामी तेजी से लोगों के दिलों में जगह बना रहे हैं। इस उपचुनाव में विरोधियों ने मुख्यमंत्री धामी के खिलाफ कुप्रचार करके निगेटिव नेरेटिव क्रिएट किया और पूरे चुनाव को धाम बनाम धामी बना दिया। कांग्रेस के शीर्ष नेता और तमाम विरोधी एकजुट होकर मुख्यमंत्री पर हमलावर रहे। बावजूद इसके धामी सरकार की उपलब्धियों और चुनावी कौशल से विपक्ष के मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए। धामी के कामकाज पर जनता ने दिल खोलकर मुहर लगाई।

आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केवल नाम भर नहीं है, बल्कि एक ब्रांड हैं। मोदी के हर क्रियाकलाप का प्रभाव जनता के बड़े हिस्से को प्रभावित करता है इसलिए पिछले दो दशकों से वह देश के सबसे भरोसेमंद ब्रांड बने हुए हैं। ब्रांड मोदी की बदौलत केन्द्र ही नहीं राज्यों में भी भाजपा चुनाव जीतती चली आ रही है। उनके साथ ही राज्यों में भी भजपा के कुछ नेता हैं जो एक ब्रांड के रूप में अपनी पार्टी के लिए फयादेमंद साबित हो रहे हैं। तेजी से उभर रहे ऐसे नेताओं में से एक हैं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। सादगी, सरल स्वभाव, संवेदनशीलता और सख्त निर्णय लेने की क्षमता, ये वो तमाम गुण हैं जिनकी बदौलत पुष्कर सिंह धामी लोकप्रिय बनते जा रहे हैं। धामी ने उत्तराखण्ड में अपने कम समय के कार्यकाल में कई बड़े और कड़े फैसले लिए, जिससे देशभर में उनकी लोकप्रियता में इजाफा हुआ। खासकर यूसीसी, नकलरोधी कानून, लैंड जिहाद, दंगारोधी कानून, महिला आरक्षण आदि निर्णयों से वह देश में नजीर पेश की चुके हैं। उनकी लोकप्रियता का दायरा उत्तराखण्ड तक ही सीमित नहीं है वह पूरे देश में उनकी छवि एक ‘डायनेमिक लीडर’ की बन चुकी है।

 

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