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अन्तर्राष्ट्रीय

डोकलाम में सड़क निर्माण दीर्घकालीन प्रक्रिया : ग्लोबल टाइम्स

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बीजिंग, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)| चीनी मीडिया ने सोमवार को कहा कि चीन डोकलाम में सड़क निर्माण कार्य जारी रखेगा और इस मुद्दे पर भारत की कठोर प्रतिक्रिया ‘असमान्य’ है। भारतीय मीडिया की रिपोर्टों में पिछले सप्ताह कहा गया था कि चीन डोकलाम में अपने मौजूदा सड़क को 10 किलोमीटर चौड़ा कर रहा है। यहीं पर भारतीय और चीनी सेना 73 दिनों तक आमने-सामने आ गई थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने हालांकि बाद में कहा था कि यहां यथापूर्व स्थिति बनी हुई है।

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे संपादकीय के अनुसार भारतीय मीडिया की रिपोर्ट संदिग्ध है क्योंकि यह निर्माण कार्य के लिए सही समय नहीं है।

संपादकीय के अनुसार, डोकलाम चीन का हिस्सा है और डोकलाम विवाद के समय, बीजिंग का क्षेत्र में आधारभूत संरचना का विकास और सड़क निर्माण का कार्य वहां एक दीर्घकालिन प्रक्रिया (ट्रेंड) है।

भारत और चीनी सेना सिक्किम क्षेत्र की सीमा के पास डोकलाम में सड़क निर्माण कार्य की वजह से आमने-सामने आ गई थी। भारतीय सेना ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए यहां सड़क निर्माण बंद करवा दिया था और भूटान ने क्षेत्र पर दावा किया था।

दोनों देशों के अपनी सेनाओं को पीछे करने के फैसले के बाद 28 अगस्त को यह मामला सुलझ गया था।

क्षेत्र में हाल के दिनों में सड़क निर्माण का कार्य चिंता का विषय है।

अखबार के मुताबिक, डोकलाम क्षेत्र में चीन का आधारभूत निर्माण तार्किक है और इस निर्माण पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया असामान्य है।

अखबार ने कहा कि भारतीय समाज संवेदनशील व घमंडी है और भारतीय मीडिया राष्ट्रवाद को बढ़ा चढ़ा कर पेश कर रही है।

भारतीय सेना ने डोकलाम के डोका ला में चीनी सड़क निर्माण कार्य को रोका था क्योंकि यह क्षेत्र सिलीगुड़ी गलियारे के काफी नजदीक था जो भारत के पूर्वोत्तर भाग को शेष भारत से जोड़ता है।

बीजिंग और अखबार ने भारत की चिंताओं को कमजोर और फर्जी करार दिया था।

संपादकीय के अनुसार, जिस तरह भारत सिलीगुड़ी गलियारे को लेकर चिंतित है, चीन भी हिंद महासागर और मलक्का जलडमरुमध्य (स्ट्रेट) को लेकर चिंतित है लेकिन बीजिंग ने अपने लक्ष्य को पाने के लिए कोई प्रतिरोधी कदम नहीं उठाए।

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अन्तर्राष्ट्रीय

उत्तर कोरिया ने टेस्ट किया विस्फोटक ड्रोन, टारगेट पर सटीक निशाना लगाने में सक्षम

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नई दिल्ली । उत्तर कोरिया के मंसूबे बेहद ही खतरनाक हैं. उसने टारगेट पर सटीक निशाना लगाने के लिए डिजाइन किए गए विस्फोटक ड्रोन का टेस्ट किया है. तानाशाह किम जोंग उन ने इन हथियारों के बड़े पैमाने पर निर्माण में तेजी लाने को कहा है. टेस्ट ऐसे समय में किया है जब अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान निकटवर्ती अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में संयुक्त सैन्य अभ्यास में लगे हुए हैं. इसमें एडवांस लड़ाकू जेट विमान और एक अमेरिकी विमानवाहक पोत का यूज किया जा रहा है.

ड्रोन ने लक्ष्यों पर किया सटीक प्रहार

केसीएनए ने बताया कि ड्रोन ने विभिन्न मार्गों से उड़ान भरी और लक्ष्यों पर सटीक प्रहार किया। इसके चित्रों में ऐसा प्रतीत हो रहा था कि ड्रोन से बीएमडब्ल्यू सेडान और टैंकों के पुराने मॉडल को निशाना बनाया गया। किम ने हथियार विकसित करने की प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त किया और ‘‘जल्द से जल्द एक श्रृंखला उत्पादन प्रणाली बनाने और बड़े पैमाने पर उत्पादन करने’’ की आवश्यकता पर बल दिया। किम ने बताया कि कैसे ड्रोन आधुनिक युद्ध में महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं। केसीएनए ने किम के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि कई सैन्य गतिविधियों के लिए ड्रोन कम लागत पर बनाना आसान है।

टैंकों के पुराने मॉडल को किया गया टारगेट

सामने आई तस्वीरों से ऐसा लग रहा है कि ड्रोन से बीएमडब्ल्यू सेडान और टैंकों के पुराने मॉडल को टारगेट किया गया. किम हथियार विकसित करने की प्रक्रिया से खुश नजर आए. केसीएनए के अनुसार, किम ने कहा कि मिलिट्री एक्टिविटी के लिए ड्रोन कम लागत पर बनाना आसान है.

 

 

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