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बिजनेस

टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक बस का गुवाहाटी में ट्रायल रन शुरू

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गुवाहाटी, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)| टाटा मोटर्स ने गुवाहाटी में अपनी 9 मीटर वाली इलेक्ट्रिक बस का परीक्षण परिचालन मंगलवार से शुरू कर दिया। 26 से 34 यात्रियों के बैठने की क्षमता वाली फुल-ऑटो ट्रांसमिशन टाटा अल्ट्रा इलेक्ट्रिक 9एम बस को असम राज्य परिवहन निगम (एएसटीसी) के प्रबंध निदेशक आनंद प्रकाश तिवारी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कंपनी ने एक बयान में कहा कि 9 मीटर और 12 मीटर की इलेक्ट्रिक बसों के लिए एआरएआई और होमोलॉगेशन सर्टिफिकेशन प्राप्त करने वाली टाटा मोटर्स भारत की पहली कंपनी है। टाटा मोटर्स की साझेदारी में एएसटीसी सात दिनों के लिए इसका परीक्षण करेगी और फीफा टीम के प्रतिभागियों तथा श्रद्धालुओं को पलटन बाजार से मां कामाख्या मंदिर तक मुफ्त परिवहन सेवा मुहैया कराएगी।

बयान में कहा गया कि यह परीक्षण कुछ महीने पहले परवानु से शिमला तक 9 मीटर वाली इलेक्ट्रिक बस के सफल परीक्षण की कड़ी का हिस्सा है, जहां बस के परिचालन का शानदार प्रदर्शन रहा और एक बार चार्ज करने के बाद इसने 160 किलोमीटर की दूरी कवर की। चंडीगढ़ में भी इसके परीक्षण का परिणाम काफी उत्साहजनक रहा और करीब 70 प्रतिशत चार्ज के साथ बस ने 143 किलोमीटर की दूरी तय की।

कंपनी ने कहा कि ये परीक्षण सड़क परिवहन मंत्रालय के सार्वजनिक परिवहन के विद्युतीकरण करने के एजेंडे का हिस्सा हैं और इसके लिए टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक वाहनों की अपनी रेंज के साथ तैयार हो रही है, जिनमें 9 मीटर और 12 मीटर लंबी तथा विभिन्न सीटिंग संयोजनों के साथ ही साथ लास्ट माइल कनेक्टिविटी प्रदान करनेवाली टाटा मैजिक आइरिस भी शामिल है।

टाटा मोटर्स के प्रमुख (इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर) डॉ. ए.के. जिंदल ने कहा, वाहनों के विद्युतीकरण करने और वाहन उद्योग पर सरकार के ध्यान केंद्रित करने के साथ ही टाटा मोटर्स निरंतर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। ये बसें संशोधित फेम (एफएएमई) योजना के अंतर्गत सब्सिडी हासिल करने की पात्र हैं, जिससे सार्वजनिक परिवहन के विद्युतीकरण को काफी बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने कहा, हम शहर की स्थानीय जरूरतों को समझने तथा बसों में उसके अनुरूप बदलाव कर सर्वाधिक किफायती मोबिलिटी समाधान पेश करने के लिए देश भर में अपनी इलेक्ट्रिक बसों का परीक्षण कर रहे हैं और इसे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक वाहनों के परिचालन के लिए विभिन्न कारोबारी मॉडलों और इन बसों को आर्थिक रूप से ज्यादा उपयोगी बनाने पर काम कर रही है।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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