बिजनेस
भारतीयों को भायी सोने की चमक
नई दिल्ली | चीन को पछाड़ते हुए भारत सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश बन गया है। देश में सोने की अत्यधिक मांग की वजह से वैश्विक स्तर पर भारत सोने के उपभोक्ता देशों की सूची में शीर्ष स्थान पर है, जबकि चीन दूसरे स्थान पर है। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्लूजीसी) ने गुरुवार को यह जानकारी दी। वर्ष 2014 में भारत में सोने की मांग 842.7 टन रही, जबकि चीन में यह 814 टन थी।
विश्व स्वर्ण परिषद की रिपोर्ट सोने की मांग का रुझान-2014 के मुताबिक, भारत विश्व में सोने के दो सबसे बड़े बाजारों में से एक है। 1995 में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की शुरुआत के बाद से आभूषणों की मांग के लिए 2014 भारत का सबसे अच्छा वर्ष रहा। इस साल देश में आभूषणों की मांग आठ प्रतिशत बढ़कर 662 टन रही। रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 में सरकार द्वारा सोने के आयात पर पाबंदी के बावजूद शादियों और त्योहारी खरीदारी की वजह से देश में सोने की मांग अधिक बनी रही। हालांकि चीन में साल दर साल सोने की मांग 33 प्रतिशत घटी है। पिछले दस सालों में भारत और चीन में संयुक्त मांग की मात्रा 71 प्रतिशत बढ़ी है।
वैश्विक स्तर पर सोने की वार्षिक मांग 3,924 टन रही, जो 2013 की तुलना में चार प्रतिशत कम है। 2014 में आभूषणों की कुल वैश्विक मांग 2,153 टन रही, जो पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत कम है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 में निवेश के लिहाज से सोने की मांग दो प्रतिशत बढ़कर 905 टन रही। 2013 में निवेश के लिए सोने की मांग 885 टन ही दर्ज हुई थी। डब्लूजीसी के मुताबिक, केंद्रीय बैंक 2014 में आरक्षित परिसंपत्ति के रूप में सोने के मूल्यांकन की समीक्षा जारी रखेंगे।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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