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प्रादेशिक

सरकार का ऑर्डर, मंत्रियों के स्वागत में खड़ें हों अधिकारी, चाय-नाश्ता भी पूछें

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लखनऊ। यूपी सरकार ने सूबे के अधिकारियों के लिए नया ऑर्डर जारी किया है। इस आदेश के मुताबिक अधिकारियों को विधायकों के साथ अदब से पेश होने को कहा गया है। अधिकारियों से कहा गया है विधायक के आने पर वो उनका खड़ा होकर स्वागत करें। साथ ही चाय नाश्ता भी कराएं।

मुख्य सचिव राजीव कुमार ने राज्य अधिकारियों को प्रोटोकॉल की एक लिस्ट दी है, जिसमें बताया गया है कि जनप्रतिनिधियों के साथ कैसे पेश आया जाए। बताया जा रहा है कि भाजपा के विधायक और सांसद लगातार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत कर रहे थे कि अधिकारी उन्हें खास तवज्जो नहीं देते हैं। निर्देश से यह भी कहा गया है कि अगर अधिकारी इसका पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।

अधिकारियों से यह भी कहा गया है कि जनप्रतिनिधियों की कही गई बातों को ध्यान से सुनें और उनके सुझावों को नोट करें। अगर जनप्रतिनिधियों के सुझाव न भी मानना हो तो विनम्रता के साथ उन्हें मना करें। अगर सांसद या विधानमंडल के सदस्य चि_ी लिखें या फोन पर किसी समस्या के बारे में बताएं तो उसे तवज्जो दिया जाए और जल्द से उसका निपटारा किया जाए।

बता दें कि करीब तीन महीने पहले यूपी के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने गाजीपुर के डीएम के खिलाफ धरना दिया था और कहा था कि डीएम उनकी शिकायत को महत्व नहीं दे रहे हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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