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बिजनेस

इंडियामार्ट को बेस्ट ऑनलाइन क्लासिफाइड वेबसाइट के लिए अवार्ड

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नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)| ऑनलाइन बी2बी मार्केटप्लेस इंडियामार्ट ने ‘ड्राइवर्स ऑफ डिजिटल समिट एंड अवार्डस 2017’ में लगातार दूसरी बार बेस्ट ऑनलाइन क्लासिफाइड वेबसाइट के लिए पुरस्कार जीता है। 40 लाख से ज्यादा एसएमई को व्यापार करने में सहूलियत देने के लिए इंडियामार्ट को लगातार दूसरी बार यह सम्मान मुंबई में आयोजित समारोह में हासिल हुआ।

इस ऑनलाइन मार्केटप्लेस को देश में एसएमई के लिए व्यापारिक संभावनाओं को बढ़ाने में सहयोग देने और ऐसी बिजनस डायरेक्ट्री बनने के लिए बधाई दी गई जो 4.5 करोड़ से ज्यादा उत्पादों व सर्विस वर्गो की एक विस्तृत रेंज को आसान से खोजने में सक्षम करती है।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि खरीदारों व विक्रेताओं के बीच एक आसान व सहज कनेक्शन को सक्षम करके इस वेबसाइट ने दो दशक से ज्यादा समय से कई भारतीय व्यापारों की वृद्धि व प्रसार को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह वेबसाइट यूजरफ्रेंडली है और हर महीने 2 करोड़ से ज्यादा व्यापारिक पूछताछों को सेवाएं देती हैं। इस वेबसाइट के माध्यम से 50,000 करोड़ रुपये कीमत के बिजनस मुहैया कराया जा रहा है।

इंडियामार्ट के वीपी-मार्केटिंग, सुमित बेदी ने कहा, यह सम्मान हमारी टीम की कड़ी मेहनत व इंडियामार्ट के यूजरबेस को लगातार सेवाएं देने के प्रति उनके समर्पण का नतीजा है।

इंकस्पेल द्वारा आयोजित ड्राइवर्स ऑफ डिजिटल अवार्डस 2017 देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने हेतु बेहतर काम करने के लिए एजेंसियों व इंटरप्राइजेज को प्रोत्साहित करता है।

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बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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