Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

नोटबंदी, जीएसटी ने सूरत के पैर तोड़े : राहुल

Published

on

Loading

गांधीनगर, 8 नवंबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) ने सूरत के ‘पैर तोड़ दिए’।

वह केंद्र सरकार द्वारा आज ही के दिन एक वर्ष पूर्व लागू किए गए नोटबंदी के विरोध में यहां ‘काला दिवस’ मना रहे थे। राहुल ने यहां कटारगाम औद्योगिक विकास क्षेत्र में निर्माण उद्योग के करघा कारखानों के कर्मचारियों और उद्योग प्रतिनिधियों से मुलाकात की।

राज्य में यह उनका तीसरा दौरा है। वह यहां तीन दिन तक रहेंगे। राज्य में नौ एवं 14 दिसंबर को चुनाव होंगे।

राहुल ने कहा, एक वर्ष पहले भारतीय अर्थव्यवस्था पर हमला किया गया था।

गांधी ने कहा, सूरत के लोगों से बातचीत के दौरान मुझे बताया गया कि नोटबंदी और बाद में जीएसटी से सूरत के पैर टूट गए। उद्योग इन दो झटकों से बर्बाद हो गया। न केवल यहां, बल्कि पूरे भारत में।

कांग्रेस नेता ने मीडिया से कहा, लोग कहते हैं कि उनलोगों को धमकाया जा रहा है। लेकिन सच्चाई कभी दब नहीं सकती, यह बाहर आएगी।

राहुल ने कहा, यह वह जगह है, जो चीन के साथ स्पर्धा कर सकता है। नौकरियां या तो भारत में आएंगी या फिर चीन में। इसके बावजूद सरकार लोगों की ताकत को बर्बाद कर रही है।

जीएसटी पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा, हमने मोदीजी और अरुण जेटलीजी से अनुरोध किया था कि वे जिस तरह जीएसटी लागू करना चाहते हैं, वैसा नहीं करें।

उन्होंने कहा, यह राजनीतिक चीज नहीं है। यह कांग्रेस और भाजपा के बीच का मामला नहीं है। यह भारत की प्रतिस्पर्धातात्मकता का मामला है, हमें चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करनी है। आप कृपया हमारे उद्योग और व्यापार को बर्बाद न करें। लेकिन उन्होंने कहा था वे इसे रात 12 बजे लागू करेंगे।

Continue Reading

नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

Published

on

Loading

कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

Continue Reading

Trending