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अन्तर्राष्ट्रीय

आसियान में परंपरागत हैंडशेक में चकराए ट्रंप

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मनीला, 13 नवंबर (आईएएनएस)| अपने बेढंग अंदाज और आक्रामक-शैली में एक-दूसरे से हाथ मिलाने के लिए चर्चित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सोमवार को अपने आसियान मित्रों से परंपरागत ढंग से हाथ मिलाने की रस्म अदा करते समय जद्दोजहद करनी पड़ी। दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के शिखर सम्मेलन के दौरान सामूहिक तस्वीर खिंचवाने के एक कार्यक्रम के दौरान जब वहां उपस्थित दुनियाभर के नेताओं को ‘परंपरागत’ शैली में हाथ मिलाने का निर्देश दिया गया तो ट्रंप चकरा गए। हाथ मिलाने की इस परंपरा में समूह के सभी नेता एक साथ क्रास हैंडशेक करते हैं अर्थात दाई तरफ खड़े नेता से बायां हाथ मिलाते हैं और बाई ओर खड़े नेता से दायां हाथ मिलाते हैं।

न्यूयार्क डेली न्यूज की रपट के मुताबिक, ट्रंप उद्घोषक के निर्देशों को सुनकर चकरा गए और वह अपने दोनों हाथ क्रास करके खड़े हो गए। उसके बाद वह अपने दोनों खड़े नेताओं की तरफ मुड़े। उनकी दाई ओर वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फक और बाई तरफ फिलीपींस के राष्ट्रपति रॉड्रिगो दुतेर्ते खड़े थे, जिनकी ओर उन्होंने अपने हाथ बढ़ाए। फिर भी उनका हाथ मिलाने का ढंग परंरापरा के अनुरूप नहीं था।

आखिरकार, बातें उनकी समझ में आ गईं और उन्होंने सही व जोशीले अंदाज में हंसते हुए अपने बगल खड़े नेताओं से हाथ मिलाए। तस्वीर में वह मुंह बनाकर मुसकराते दिख रहे हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति की यह तस्वीर ट्विटर पर डाली गई है, जिसमें ट्रंप का मजाक उड़ाया गया है।

एक ट्विटर यूजर ने लिखा है, इस तस्वीर में ट्रंप का चेहरा बेशकीमती है।

गौरतलब है कि फरवरी में ट्रंप जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ 19 सेकंड तक हाथ मिलाए थे, जिसमें दो बार पीठ भी थपथपाए थे और राष्ट्रपति ने उनके साथ हाथ मिलाकर मजबूत हाथ की बात कही थी।

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप फ्रांस के राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रों और प्रथम महिला लेडी ब्रिगेट मैक्रों के साथ भी हाथ मिलाते समय गड़बड़ कर चुके हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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