खेल-कूद
विश्व कप खेलना मेरा लक्ष्य : श्रेयस अय्यर (साक्षात्कार)
नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)| फिरोजशाह कोटला मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ इसी महीने खेले गए टी-20 मैच से अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले मुम्बई के युवा बल्लेबाज श्रेयस अय्यर का सपना भारतीय टीम की जर्सी पहन विश्व कप में खेलना है और इसके लिए वह कड़ी से कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
आईएएनएस को फोन पर दिए साक्षात्कार में श्रेयस ने एक खिलाड़ी के तौर पर जीवन के सबसे बड़े लक्ष्य और सपने के बारे में कहा, मुझे अपने देश के लिए विश्व कप खेलना है और जीतना भी है। यहीं मेरा सपना और सबसे बड़ा लक्ष्य है।
मुंबई में जन्मे श्रेयस पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन में एक युवा खिलाड़ी के तौर पर निखर कर आए। वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए टीम के मेंटॉर द्रविड़ की देखरेख में खेले।
साल 2015 में श्रेयस को 2.6 करोड़ रुपये की राशि में डेयरडेविल्स में शामिल किया गया था। वह सबसे अधिक कीमत में चुने गए युवा खिलाड़ी थे, जिन्होंने इससे पहले आईपीएल नहीं खेला था। उन्होंने आईपीएल-8 में डेयरडेविल्स के लिए 14 मैचों में 439 रन बनाकर प्रतियोगिता के श्रेष्ठ उभरते खिलाड़ी का पुरस्कार भी जीता था।
अपने खेल में द्रविड़ की कोचिंग के प्रभाव के बारे में अय्यर ने कहा, उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया है और आत्मविश्वास के साथ खेलने के लिए प्रेरित किया है। मैदान पर जाने से पहले उन्होंने हमेशा कहा है कि अगर बड़े स्तर पर क्रिकेट खेलना है, तो एक खिलाड़ी के तौर पर अपने खेल में सुधार लाना होगा। मैदान पर जो भी फैसले लेते हैं, चाहें वे सही हों या गलत, उनकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। मैं उनकी इन्हीं बातों पर चलता रहा। इस दौरान मैं अनुशासन में रहा।
बकौल श्रेयस, मैंने कभी भी अपने आप को किसी से कम नहीं, बल्कि खुद को सबके बराबर ही समझा है। इसी सोच के साथ मैं हर एक मैच खेलता हूं।
श्रीलंका के साथ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज जारी है। तीसरे टेस्ट के लिए भारतीय टीम का चयन नहीं हुआ है। ऐसा कहा जा रहा है कि विराट कोहली को आराम दिया जा सकता है और श्रेयस के पास टीम में जगह बनाने का मौका है लेकिन इसके लिए उन्हें शुक्रवार से शुरू हो रहे रणजी मुकाबलों में अच्छा प्रदर्शन करना होगा। मुम्बई के लिए रणजी खेलने वाले श्रेयस ने भारतीय टेस्ट टीम में अपने प्रवेश की सम्भावनाओं को लेकर कहा, मैं चयन के बारे में इतना नहीं सोचता हूं। मैं अपने प्रदर्शन पर ही ध्यान देता हूं।
बकौल श्रेयस, मेरा ध्यान हर मैच में अच्छे प्रदर्शन पर होता है और भविष्य के बारे में मैं अधिक नहीं सोचता। स्वयं के लिए मैंने एक लक्ष्य तय कर रखा है, वो हासिल करने के लिए मुझे वर्तमान में रहना पड़ेगा। इसलिए, मैं मैच-दर-मैच अपने खेल को देखता हूं और भविष्य के लिए चिंतित नहीं होता। अगर मैं अच्छा प्रदर्शन करता रहा, तो जो भी होगा अच्छा ही होगा।
राजकोट में न्यूजीलैंड के साथ खेले गए टी-20 मैच में श्रेयस अंतिम एकादश में शामिल थे और बल्लेबाजी के लिए भी आए थे। श्रेयस ने दिल्ली में खेले गए पहले टी-20 के साथ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। दिल्ली में हालांकि वह बल्लेबाजी नहीं कर सके थे।
पहली बार अंतर्राष्ट्रीय मैच में बल्लेबाजी के लिए मैदान पर जाते वक्त कैसा महसूस हो रहा था, इस बारे में श्रेयस ने कहा, मुझे बहुत गर्व हो रहा था। मैं घबराया हुआ नहीं था, क्योंकि मैं आईपीएल में भारी संख्या में प्रशंसकों के सामने खेल चुका था। इसलिए, मन में कोई डर नहीं था। हालांकि, अपनी बल्लेबाजी को लेकर मन में संशय था, क्योंकि एक पेशेवर खिलाड़ी के तौर पर मैं अभी परिपक्व नहीं हुआ हूं। टीम के साथ ऐसे माहौल में सहज होने में थोड़ा समय लगेगा।
अपने करियर में श्रेयस ने 2014 में अंडर-19 विश्व कप में भारत की अंडर-19 टीम का प्रतिनिधित्व भी किया है। 2014 में मुंबई के लिए विजय हजारे ट्रॉफी में प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया था। इसी सीजन में उन्होंने रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट में पदार्पण भी किया था।
जीवन में एक नए मोड़ के बारे में श्रेयस ने कहा, रणजी ट्रॉफी में चयन के बाद खेले गए पहले तीन मैचों में मैं असफल रहा था, लेकिन चौथे मैच मेरे लिए आखिरी अवसर था, क्योंकि मुझे लग रहा था कि इसके बाद मुझे टीम से हटा दिया जाएगा। मैंने उत्तर प्रदेश के खिलाफ मैच जिताऊ पारी खेली थी और यही मेरे जीवन का सबसे शानदार मोड़ था।
श्रेयस ने कहा कि अगर वह क्रिकेट खिलाड़ी नहीं होते, तो वह एक फुटबाल खिलाड़ी होते। श्रेयस के मुताबिक वह शुरुआत में फुटबाल खेलते थे, लेकिन उस समय भारत में क्रिकेट के प्रति जुनून अधिक था और यह खेल लोकप्रिय भी था। इसलिए, उनके पिता ने उन्हें क्रिकेट की ओर आगे बढ़ने की सलाह दी।
खेल-कूद
टीम इंडिया के खिलाड़ियों से मिले ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज
ऑस्ट्रेलिया। टीम इंडिया मेजबान बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा कर रही है। टीम इंडिया ने इस दौरे का शानदार अंदाज में आगाज किया। भारतीय टीम ने कप्तान रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में ऑस्ट्रेलिया को पहले टेस्ट मैच में 295 रनों से मात दी और इस तरह ऑस्ट्रेलिया के घर में रनों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत दर्ज करने का कीर्तिमान स्थापित किया। अब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 6 दिसंबर से एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट मैच खेला जाना है। इस मैच से पहले टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से मुलाकात की।
प्रधानमंत्री ने दोनों टीमों के सदस्यों से मुलाकात की. प्रधानमंत्री एकादश टीम मनुका ओवल में अभ्यास मैच से दो दिन पहले पहुंची थी. अल्बनीज ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर इस खास मौके को शेयर किया और लिखा, “इस हफ्ते मनुका ओवल में प्रधानमंत्री एकादश के सामने एक शानदार भारतीय टीम के खिलाफ बड़ी चुनौती है. लेकिन जैसा कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा, मैं ऑस्ट्रेलियाई टीम को काम पूरा करने के लिए समर्थन दे रहा हूं.
The Indian Cricket Team were hosted by the Honourable Anthony Albanese MP, Prime Minister of Australia at the Parliament House, Canberra. #TeamIndia will take part in a two-day pink ball match against PM XI starting Saturday. pic.twitter.com/YPsOk8MrTG
— BCCI (@BCCI) November 28, 2024
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