अन्तर्राष्ट्रीय
हरारे में मुगाबे के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन
हरारे, 18 नवंबर (आईएएनएस)| जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे के इस्तीफे की मांग के लिए शनिवार को हरारे में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हुए। ‘द गार्जियन’ की रपट के अनुसार, भारी संख्या में लोगों की भीड़ शहर के मध्य सड़कों पर उतर आई।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, यह क्रिसमस जैसा माहौल है।
प्रदर्शनकारी ने कहा कि जिम्बाब्वे लंबे समय से पीड़ा सह रहा है और अब जाकर यहां के लोग खुश हैं।
कई लोगों ने अपने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज पकड़ रखा था। इनमें से एक शख्स के पास एक पोस्टर था, जिसमें मुगाबे (93) के लिए एक संदेश लिखा था, अब जिम्बाब्वे छोड़ दो.. जबकि एक चौराहे पर एक विक्रेता अखबार पकड़े था, जिस पर लिखा हुआ था मुगाबे घिर गए।
‘बीबीसी’ के मुताबिक, ‘एकजुटता मार्च’ के रूप में इस रैली को सेना का समर्थन प्राप्त है, जिसने मुगाबे (93) के उत्तराधिकारी को लेकर चल रहे संघर्ष के बीच बुधवार को शक्ति प्रदर्शन किया था।
सत्तारूढ़ जानू-पीएफ पार्टी की क्षेत्रीय शाखाओं के साथ ही पूर्व सैनिक भी कह रहे हैं कि मुगाबे को पद छोड़ देना चाहिए। ये पूर्व सैनिक अभी तक राष्ट्रपति के प्रति वफादार थे।
वहीं, शुक्रवार देर अपराह्न् तक देश में जानू-पीएफ पार्टी की सभी 10 प्रांतीय शाखाओं ने राष्ट्रपति के खिलाफ अपना अविश्वास प्रस्ताव पारित किया है। इससे रविवार तक मुगाबे के पार्टी अध्यक्ष पद से हटने की संभावना बढ़ गई है।
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात
नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।
मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।
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