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अन्तर्राष्ट्रीय

यौन दुर्व्यवहार आरोपी पत्रकार को निलंबित करेगा न्यूयॉर्क टाइम्स

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न्यूयॉर्क, 21 नवंबर (आईएएनएस)| अमेरिकी समाचार पत्र द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने प्रमुख पत्रकारों में से एक ग्लेन थ्रश पर यौन दुर्व्यहार का आरोप लगने के बाद उन्हें निलंबित करने की घोषणा की है। न्यूज साइट वॉक्स द्वारा सोमवार को चार महिला पत्रकारों के आरोपों को लेकर एक खबर प्रकाशित करने के बाद समाचार पत्र ने यह कदम उठाया है। थ्रश (50) जनवरी में न्यूयॉर्क टाइम्स की ओर से व्हाइट हाउस की खबरें कवर करने के लिए नियुक्त किए गए थे। उन्होंने उन महिलाओं के साथ अनुचित व्यवहार किया था।

न्यूयॉर्क टाइम्स का हिस्सा बनने से पहले थ्रश पोलिटिको पत्रिका में मुख्य राजनीतिक संवाददाता के तौर पर कार्यरत थे। उन्होंने समाचार पत्र न्यूजडे में भी काम किया है।

वॉक्स की रिपोर्ट में महिलाओं ने थ्रश पर जबरदस्ती छूने और किस करने का आरोप लगाया है। तीन महिलाओं के नाम का खुलासा नहीं किया गया है, जबकि चौथी महिला का नाम लॉरा मेगन हैं, जिन्होंने आलेख लिखा है।

समाचार पत्र ने सोमवार को अपने बयान में कहा, वॉक्स की स्टोरी में ग्लेन थ्रश को इस तरह के व्यवहार के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चिंताजनक है और यह न्यूयॉर्क टाइम्स के मानकों और मूल्यों के अनुरूप नहीं है।

समाचार पत्र ने कहा, हम इस घटना की पूरी जांच कराना चाहते हैं और जब तक हम ऐसा कर रहे हैं, ग्लेन थ्रश निलंबित रहेंगे।

एक जानकार सूत्र के मुताबिक, थ्रश के बारे में आलेख प्रकाशित करने की वॉक्स की योजना के बारे में पता चलने के बाद न्यूयॉर्क टाइम्स ने पिछले हफ्ते उनके (थ्रश) व्यवहार को लेकर जांच करनी शुरू कर दी थी।

थ्रश ने सोमवार को अपने एक बयान में कहा, जिस किसी भी महिला ने मेरी उपस्थिति में असहज महसूस किया हो और ऐसी किसी स्थिति जहां मैंने अनुचित व्यवहार किया हो, मैं उससे माफी मांगता हूं। कोई भी व्यवहार जो एक महिला को अपमानित या असहज महसूस कराता हो, वह अस्वीकार्य है।

न्यूयॉर्क टाइम्स में थ्रश की बाइलाइन को इस साल सबसे ज्यादा तवज्जो मिली। वह उन छह संवाददाताओं में से एक रहे जिन्होंने व्हाइट हाउस का पूर्णकालिक कवरेज किया।

मशहूर अमेरिकी प्रकाशन घराने रैंडम हाउस ने हाल ही में ऐलान किया था कि वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में थ्रश और न्यूयॉर्क टाइम्स की एक अन्य रिपोर्टर मैगी हेबरमैन और पोलिटिको में उनके एक पूर्व सहयोगी द्वारा लिखी किताब को प्रकाशित करेगा।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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