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अन्तर्राष्ट्रीय

हैती के लोगों के लिए अस्थायी सुरक्षा योजना बंद करेगा ट्रंप प्रशासन

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वाशिंगटन, 21 नवंबर (आईएएनएस)| राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने एक मानवीय कार्यक्रम को समाप्त करने की घोषणा की है, जिसमें अमेरिका में रह रहे हैती के 59 हजार लोगों को कार्य करने और रहने की इजाजत दी गई थी। हैती में 2010 में आए विनाशकारी भूकंप के बाद यह लोग अमेरिका में रह रहे थे। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) ने सोमवार रात एक बयान जारी कर कहा कि हैती के लिए टेंपरेरी प्रोटेक्टेड स्टेटस (टीपीएस) कार्यक्रम जुलाई 2019 में खत्म हो जाएगा।

सीएनएन ने बयान के हवाले से कहा, सभी उपलब्ध जानकारी के आधार पर जिसमें एक अंतर-एजेंसी परामर्श प्रक्रिया के भाग के रूप में प्राप्त सिफारिशें भी शामिल हैं, कार्यवाहक सचिव एलेन ड्यूक ने निर्धारित किया है कि 2010 के भूकंप की वजह से पैदा हुई असाधारण लेकिन अस्थायी स्थिति अब मौजूद नहीं है।

डीएचएस के मुताबिक, विभाग एक देश के लिए टीपीएस को तब चिन्हित करता है जब कुछ खास परिस्थितियों में देश अपने नागरिकों को पर्याप्त रूप से वापस बुलाने में असमर्थ हो।

इसमें युद्ध और प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियां शामिल हो सकती हैं। निर्दिष्ट देशों के ऐसे व्यक्ति जो पहले से ही अमेरिका में हैं, वे इसके योग्य हैं और निर्वासन से सुरक्षित हैं।

हैती पश्चिमी गोलार्ध का सबसे गरीब देश है। हैती अभी भी 12 जनवरी 2010 में आए विनाशकारी भूकंप से उबरने की कोशिश कर रहा है। वहां रिक्टर पैमाने पर 7 की तीव्रता से आए भूकंप में एक लाख लोगों की मौत हो गई थी।

सोमवार की हुई घोषणा के मुताबिक, ‘हैती के लिए टीपीएस के समापन में 18 महीने लेगेंगे’ ताकि इसकी एक सरल प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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