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नेशनल

क्वांटम स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी को मिला विश्वविद्यालय का दर्जा

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नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)| रुड़की में क्वांटम स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी को उत्तराखंड सरकार ने विश्वविद्यालय का दर्जा दिया है। संस्थान को विश्वविद्यालय का दर्जा क्वांटम विश्वविद्यालय अधिनियम 2016 ( 2017 के उत्तराखंड एक्ट नंबर 4) के माध्यम से दिया गया है। अब इसे क्वांटम यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाएगा। क्वांटम यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा कि इस यूनिवर्सिटी में छात्रों को मानविकी, मैनेजमेंट, पत्रकारिता, विज्ञान, कला, होटल मैनेजमेंट और कई अन्य कोर्स ऑफर किए जाएंगे। भारत में जिस ढंग से शिक्षा दी जाती है, विश्वविद्यालय उसमें आमूल-चूल बदलाव करना चाहता है।

यूनिवर्सिटी के चेयरमैन अजय गोयल ने कहा, क्वांटम यूनिवर्सिटी अपने कार्यात्मक, नवीनतम और भविष्योन्मुखी शिक्षा के नए विजन के साथ विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय बन गया है। हम अंतर्विषय शिक्षा की अवधारणा को भारत में लागू करना चाहते हैं। यह अवधारणा अभी तक केवल देश की कुछेक विश्वविद्यालयों में ही लागू की गई है। अपने इसी नजरिए से हम छात्रों को पढ़ाई के साथ तकनीकी प्रतिभा से भी लैस करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि सिलेबस के एक भाग के रूप में छात्रों को एक विषय में मुख्य रूप से पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही वह किसी ऐसे विषय में भी संक्षिप्त कोर्स कर पाएंगे, जिसमें उसकी दिलचस्पी होगी।

उन्होंने कहा कि छात्रों को अपनी सोच को नया आयाम देने के लिए अन्य कई कोर्स करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। हालांकि छात्रों को डिग्री प्रमुख कोर्स की दी जाएगी। इससे छात्र कॉरपोरेट कंपनियों में नौकरी करने के लिए खुद को तैयार कर सकेंगे, जबकि दूसरे विषय में किया गया कोर्स उनके ज्ञान को बढ़ाएगा और उन्हें एक अलग मुकाम पर खड़ा करेगा। उदाहरण के लिए कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग का स्टूडेंट एंटरप्रन्योरशिप में एक अन्य कोर्स करने का चुनाव कर सकता है।

विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि क्वांटम यूनिवर्सिटी ने एक पैशन प्रोग्राम (पीआरपोपी) भी शुरू किया है, जिसके माध्यम से छात्रों को अपनी पसंद या जुनून से संबंधित काम करने के लिए कहा जाएगा। इसके लिए उन्हें उचित मार्गदर्शन भी प्राप्त होगा। पैशन प्रोग्राम में संगीत, थियेटर, फोटोग्राफी, डिजाइन, स्पोटर्स और कई दूसरे क्षेत्र भी शामिल है। यह काम छात्रों को पढ़ाई से होने वाले तनाव को कम करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। इस रचनात्मक कार्य को छात्र जीवन भर अपने साथ रख सकेंगे।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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