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अन्तर्राष्ट्रीय

नदियों को लेकर भारत से संपर्क बनाए रखेंगे : चीन

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बीजिंग, 26 दिसंबर (आईएएनएस)| चीन ने मंगलवार को कहा कि तिब्बत में आए भूकंप के कारण यरलुंग त्संगपो नदी पर बांधों के निर्माण और झीलों के मद्देनजर वह भारत के साथ संपर्क बनाए रखेगा, जो अरुणाचल प्रदेश और असम के लिए खतरा हो सकता है। तिब्बत क्षेत्र में आए सिलसिलेबार भूकंप के कारण भारी भूस्खलन हुआ था, जिस कारण ब्रह्मपुत्र नदी का पानी मैला हो गया है। ब्रह्मपुत्र नदी को चीन में यरलुंग त्संगपो के नाम से जाना जाता है।

खबरों के मुताबिक, भूकंप के कारण तबाह हुए मकानों का मलबा तीन जगहों पर इकठ्ठा हो गया, जिस कारण चीन में नदी पर 12 किलोमीटर की दूरी पर प्राकृतिक बांधों का निर्माण हो गया।

भारत को चिंता है कि इन तीन भूस्खलन-प्रेरित बांधों और झीलों को रास्ता मिल सकता है, जिससे एक विशाल बाढ़ का बहाव हो और ऐसा उसके क्षेत्रों में हो सकता है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयींग ने कहा, संबंधित अधिकारियों की पुष्टि के मुताबिक, मैं आपको बता सकता हूं कि यह झील चीन-भारत सीमा के पूर्वी खंड में स्थित है। यह प्राकृतिक कारणों से बनी है। यह मानव निर्मित नहीं है।

हुआ ने कहा, मैंने पाया कि भारतीय पेशेवर अधिकारियों ने इस पर विश्लेषण और स्पष्टीकरण दिया। हमें उम्मीद है कि भारतीय मीडिया इस पर आधारहीन अटकलें नहीं लगाएंगी और चीनी पक्ष मौजूदा चैनलों के माध्यम से, सीमावर्ती नदियों पर भारतीय पक्ष के साथ संपर्क बनाए रखेगा।

भारत और चीन के बीच आंकड़ों की अदला-बदली को लेकर समझ है, लेकिन इस साल नई दिल्ली ने कहा था कि बीजिंग ने ऐसा कुछ नहीं किया है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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