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राज्यपाल के ‘आरोप’ जम्मू एवं कश्मीर सरकार की विफलता का सबूत : उमर
जम्मू, 9 जनवरी (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को राज्य की महबूबा मुफ्ती नीत गठबंधन सरकार पर ‘सभी मोर्चो पर विफल’ रहने का आरोप लगाया। अब्दुल्ला ने कहा, राज्यपाल द्वारा गठबंधन सरकार की खुली आलोचना सरकार के सभी मोर्चे पर विफल रहने का सबूत है।
नेशनल कांफ्रेंस नेता ने राज्यपाल एन.एन. वोहरा द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मुफ्ती मुहम्मद सईद की याद में हुए कार्यक्रम के दौरान राज्य की समस्याओं पर दिए बयान के संदर्भ में यह टिप्पणी की है।
वोहरा ने कहा था, राज्य कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहा है। कुछ हमारे खुद के द्वारा पैदा की गई हैं और कुछ दूसरों के द्वारा पैदा की गई समस्या हैं।
उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर सरकार को प्रदर्शन सुधारने की नसीहत भी दी थी।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि राज्यपाल का बयान पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी)-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन सरकार के सभी मोर्चे पर विफल रहने का ‘दोषारोपण’ करता है।
उन्होंने कहा, जब से पीडीपी-भाजपा सरकार ने सत्ता संभाली है, राज्य में स्थिति लगातार बिगड़ी है। सरकार का राज्य में विकास करने का वादा कहीं भी अमल में आता नहीं दिखता।
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दिल्ली में सांस लेना है कितना खतरनाक, देखें इस खबर को
नई दिल्ली। दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में प्रदूषण से लोगों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार सुबह 6 बजे दिल्ली के अधिकतर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के करीब दर्ज किया गया. जो कि ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. आज दिल्ली के अलीपुर में AQI 362, आनंद विहार में 393, जहांगीरपुरी में 384, मुंडका में 396, नरेला में 383, नेहरू नगर में 362, पंजाबी बाग में 370, शादीपुर में 398, रोहिणी में 381 और विवेक विहार में 395 दर्ज किया गया. वायु प्रदूषण के कारण कई लोगों को सांस लेने में और आंखों में जलन की परेशानी हो रही है.
जीवन के 12 साल छीन रहा वायु प्रदूषण
बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा माना जाता है। वहीं 51 से 100 एक्यूआई को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401-500 के बीच एक्यूआई को गंभीर श्रेणी का माना जाता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो दिल्ली का प्रदूषण लोगों के जीवन के 12 साल उनसे छीन रहा है। वहीं कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि दिल्ली के वायु प्रदूषण में एक दिन सांस लेने का मतलब है दिन भर में 10 से अधिक सिगरेट के बारबर धुएं को अपने शरीर में लेना। बता दें कि दिल्ली के वायु प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट भी सख्त है।
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