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अन्तर्राष्ट्रीय

ट्रंप ने विरोध की आशंका से ब्रिटेन यात्रा रद्द की : महापौर

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लंदन, 13 जनवरी (आईएएनएस)| लंदन के महापौर सादिक खान ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शहर का दौरा रद्द करने के बाद उन्हें लंदनवासियों का भेजा संदेश मिल गया है। सीएनएन की खबर के मुताबिक, ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने अपना दौरा इसलिए रद्द किया, क्योंकि वह ब्रिटिश राजधानी में नया अमेरिका दूतावास नहीं खोलना चाहते हैं। लेकिन खान ने शुक्रवार को असल कारण सुझाते हुए कहा कि दरअसल उनका यहां स्वागत नहीं होने वाला था, इसलिए उन्होंने अपना दौरा रद्द किया।

खान ने ट्विटर पर शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप को कई लंदनवासियों द्वारा भेजा गया संदेश मिल गया। उन्होंने कहा कि उनके देशवासी अमेरिका से प्यार करते हैं और उनसे प्रभावित होते हैं, लेकिन उन्होंने ट्रंप की नीतियां इस शहर के मूल्यों से बिल्कुल विपरीत पाई हैं।

उन्होंने कहा, कई लंदनवासियों ने स्पष्ट कर दिया कि वह यहां ट्रंप का स्वागत नहीं करेंगे, क्योंकि वह विभाजक एजेंडे का पालन कर रहे हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उन्हें यह संदेश मिल गया है। यह इस बात को बल देता है कि थेरेसा मे ने जल्दबाजी में एक आधिकारिक दौरे का निमंत्रण देकर एक गलती की।

महापौर ने कहा कि इस बात में कोई संशय नहीं है कि ट्रंप के दौरे को भारी विरोध का सामना करना पड़ता।

सीएनएन की खबर के मुताबिक, ब्रिटेन के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि मे द्वारा अपने अमेरिका दौरे के दौरान ट्रंप को दिया गया आधिकारिक दौरे का निमंत्रण अभी तक बरकरार है।

अधिकारी ने कहा, आधिकारिक दौरे का निमंत्रण दिया जा चुका है और वह स्वीकार हो चुका है।

सीएनएन की खबर के मुताबिक, ट्रंप ने जब शहर का अपना दौरा रद्द करने के पीछे लंदन में नए अमेरिकी दूतावास को अपनी मंजूरी न देने को कारण बताया, उसके बाद मादम तुसाद ने राष्ट्रपति की मोम प्रतिमा को इमारत से बाहर कर दिया।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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