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बिहार : सार्वजनिक स्थल पर पेशाब करना शिक्षक को पड़ा महंगा

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दरभंगा, 18 जनवरी (आईएएनएस)| एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान कार्यक्रम के जरिए देश को साफ -सुथरा बनाने की मुहिम चला रखी है, वहीं बिहार के दरभंगा के बेनीपुर प्रखंड के शिक्षक को इस मुहिम के विपरीत कार्य करना महंगा पड़ गया। शिक्षक को एक सरकारी कार्यालय परिसर में सार्वजनिक रूप से पेशाब करना तब महंगा पड़ गया, जब प्रखंड विकास पदाधिकारी ने इस मामले को लेकर उनसे जवाब मांगा।

वैसे, बेनीपुर प्रखंड कार्यालय ने ऐसा नहीं है कि केवल एक मात्र शिक्षक को ही इस मामले में नोटिस जारी किया है, बल्कि कई आम लोग भी हैं, जिन्हें स्वच्छता के प्रतिकूल सार्वजनिक स्थान पर मूत्र त्याग करने के कारण नेटिस थमाया गया है।

प्रखंड विकास पदाधिकारी कार्यालय के एक अधिकारी ने आईएनएस से कहा कि प्राथमिक विद्यालय, पौड़ी के शिक्षक सज्जन पासवान 13 जनवरी को बेनीपुर अनुमंडल कार्यालय आए थे। इसी दौरान वे परिसर में ही एक किनारे जाकर पेशाब करने लगे। वहीं प्रशिक्षु भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और बेनीपुर के अनुमंडल पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी विजय प्रकाश मीणा की नजर उन पर पड़ गई।

अधिकारी ने पहले उन पर सरकारी जमीन पर पेशाब करने के लिए 200 रुपये का जुर्माना लगाया और बाद में उन्हें एक नोटिस जारी कर सार्वजिनक स्थल पर पेशाब करने के मामले में स्पष्टीकरण मांगा।

नोटिस में शिक्षक ने कहा, वह अनुमंडल कार्यालय जैसे सार्वजनिक स्थल पर पेशाब करते हुए पाए गए और यह सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान के प्रतिकूल है। ऐसे में सार्वजनिक स्थल पर खुले में पेशाब करने के लिए उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही क्यों न की जाए?

मीणा ने गुरुवार को आईएएनस को बताया कि शिक्षक के अलावा भी करीब सात-आठ लोगों को ऐसे मामले में नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

उन्होंने कहा कि स्वच्छता से कई समस्याओं को हल किया गया जा सकता है। उन्होंने लोगों से स्वच्छता अभियान को सफल बनाने में योगदान करने की अपील की है।

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सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए बनेगा कानून – केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव

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नई दिल्ली। लोकसभा में हगामे के बीच बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने प्रश्नकाल के दौरान सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट का मुद्दा उठाया। अरुण गोविल के सवाल का जवाब में देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों के लिए मौजूदा कानूनों को मजबूत करने की आवश्यकता है। हमारे देश की संस्कृति और उन देशों की संस्कृति के बीच बहुत अंतर है जहां पर ओटीटी पर अश्लील कंटेंट आते है।

केंद्रीय मंत्री ने आम सहमति बनाने का किया अनुरोध

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मैं चाहूंगा कि स्थायी समिति इस मुद्दे को उठाए। मौजूदा कानून को मजबूत करने की जरूरत है और मैं इस पर आम सहमति का अनुरोध करता हूं। मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री भी चलाई जाती है।

नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है सरकार

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि पहले कोई चीज पब्लिश करने के लिए संपादकीय टीम होती थी। इसकी वजह से कोई अश्लील कंटेंट पब्लिश नहीं होता था। जो अब नहीं है। अश्विनी वैष्णव ने यह बयान उनके डिप्टी एल मुरुगन द्वारा यह पुष्टि किए जाने के एक महीने बाद आया है कि सरकार ओटीटी सामग्री को विनियमित करने के लिए एक नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है।

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