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नेशनल

गणतंत्र दिवस परेड : सैन्य ताकत और झांकियों ने सबका मन मोहा

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नई दिल्ली, 26 जनवरी (आईएएनएस)| भारतीय गणतंत्र की 69वीं वर्षगांठ पर राजपथ पर आयोजित भव्य समारोह में भारतीय सेना की दिलेरी व देश की विविध सांस्कृतिक विरासत की झांकियों की झलक पाने की तमन्ना लिए शुक्रवार की सुबह कड़ाके की ठंड की परवाह किए बगैर ऊनी लिवास में लिपटे हजारों लोग पहुंचे।

राजधानी नई दिल्ली और आसपास के इलाकों में सुबह कोहरे की मोटी चादर और सख्त सुरक्षा व्यवस्था लोगों के उत्साह में बाधा नहीं बन सकी और वे मुख्य समारोह स्थल राजपथ पर परेड व झांकियां शुरू होने से पूर्व ही पहुंच चुके थे। राजपथ का अर्थ है राजा का मार्ग जोकि एक औपचारिक मुख्य मार्ग है और रायसीना की पहाड़ी पर स्थित राष्ट्रपति भवन से आरंभ होकर इंडिया गेट पर समाप्त होता है।

इस साल समारोह में भारतीय सैन्य शक्ति की ताकत के प्रदर्शन के रूप में परेड और देश की प्रेरक शक्ति के निरुपण में कई ऐसी चीजें थीं जो गणतंत्र दिवस के मौके पर पहली बार देखने को मिलीं।

भारतीय गणतंत्र के इतिहास में इससे पहले कभी इतने अतिथि एक साथ इस समारोह में नहीं आए थे। इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में आसियान के दस देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की।

मिश्रित रंगों वाली पगड़ी, जिसका एक लंबा छोड़ हवा में उतरा रहा था, पहने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह स्थल पर आसियान समूह के सभी 10 अतिथियों की अगवानी की। मंचासीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन समेत सभी विशिष्ट अतिथि और गणमान्य लोग कार्यक्रम में विशिष्ट स्थान पर विराजमान थे।

एक बात और जो पहली बार देखने को मिली वह सीमा सुरक्षा बल की वीरांगना अधिकारियों की दिलेरी भरी करतब थी। 350 सीसी की एनफील्ड मोटरसाइकिलों पर सवार इन महिलाओं ने राजपथ पर एरोबेटिक्स और दुस्साहसिक करतबें दिखाकर लोगों को चकित कर दिया।

वहीं, विमानों की परेड में वायुसेना के लड़ाकू जेट विमानों के अलावा पहली बार रुद्र सैन्य हेलीकॉप्टर को शामिल किया गया। इस अवसर पर कुछ शोक के पल भी देखने को मिले जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत का सबसे बड़ा शांति के समय का शौर्य सम्मान अशोक चक्र से वायु सेना के दिवंगत कमांडो जे.पी. निराला को सम्मानित किया। निराला पिछले साल नवंबर में उत्तरी कश्मीर के एक गांव में आतंकियों के एक दल से लड़ते हुए शहीद हो गए थे।

इससे पहले, मोदी ने अमर ज्योति के पास जाकर राष्ट्र की ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

अमर जवान सैनिकों के अमर होने का प्रतीक है जिसे एक उल्टी रायफल को खड़ा करके दर्शाया गया है। बैरल के बल खड़ी इस रायफल पर सैनिक का हेल्टमेट लगाया गया है। अमर जवान ज्योति युद्ध स्मारक है।

मोदी द्वारा अमर जवान ज्योति पर दो मिनट के मौन रखने के दौरान राजपथ पर पूरी खामोशी छायी हुई थी जबकि उससे पहले सैनिकों के मार्च करने की पदचाप और सैन्य उपकरणों से सुसज्जित वाहनों की घराघराहट से पूरा क्षेत्र गुंजायमान था। विभिन्न राज्यों की झांकियों में लोकगीतों के धुन सुनाई दे रहे थे। मंत्रालयों व विभागों की ओर से भी अपनी उपलब्धियों को लेकर झांकियां निकाली गई थीं।

बीएसएफ की जांबाज महिलाओं की करतबें चकित करने वाली थीं। 350 सीसी की रॉयल एन्फील्ड मोटरसाइकिल पर सवार 26 जांबाजों ने अदम्य शौर्य का परिचय दिया।

‘सीमा भवानी’ के रूप में दाखिल हुईं महिला बीएसएफ दल की करतबों को दर्शकों ने खूब सराहा। एक मोटरसाइकिल पर ‘मोर’ के आकार में दिखाई गई कलाबाजी के अलावा उन्होंने फिश राइडिंग, फोर हारमनी, सप्तर्षि, ब्रह्म योग गुलदस्ता, सीमा प्रहरी, फ्लैग मार्च पिरामिड की करबतें दिखाईं।

अंत में विमान की परेड काफी आकर्षक रहा। हर किसी की निगाह आकाश में विमानों की करतबों का नजारा देखने पर टिकी थी। भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग मशीनों ने राजपथ पर एरोबेटिक का प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम के समापन पर पिछले साल की तरह इस साल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ दूर चलकर राजपथ पर आए और उन्होंने वहां मौजूद लोगों की ओर हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया।

दिल्ली सरकार के कर्मचारी सीतांशु राठी पिछले 25 साल से गणतंत्र दिवस समारोह देखना कभी नहीं भूलते हैं। उन्होंने कहा, परेड देखने का उत्साह कभी समाप्त नहीं होता है। यह गौरव का क्षण है।

इस दौरान सैकड़ों सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन के माध्यम से लोगों के आवागमन के मार्गो की निगरानी की जा रही थी। दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल के तकरीबन 60,000 जवानों व अधिकारियों को सुरक्षा के मद्देनजर मध्य दिल्ली में तैनात किया गया था।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार देगा डोमिनिका, कोरोना के समय भेजी थी 70 हजार वैक्सीन

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डोमिनिका। कैरेबियाई देश डोमिनिका भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार- ‘डोमिनिका अवॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित करेगा। भारतीय प्रधानमंत्री को कोविड-19 महामारी के दौरान डोमिनिका की मदद करने के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है।भारत ने फरवरी 2021 में डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन के 70 हजार डोज भेजे थे। यह वैक्सीन डोमिनिका और उसके पड़ोसी अन्य कैरेबियाई देशों के काम आई थी। भारतीय प्रधानमंत्री के डोमिनिका के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सहयोग के लिए यह अवॉर्ड दिया जा रहा है।

डोमिनिका के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन भारत-कैरिबियन समुदाय (कैरिकॉम) शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी को डोमिनिका सम्मान से सम्मानित करेंगी। डोमिनिका के पीएम ऑफिस के आधिकारिक बयान में कहा गया, “फरवरी 2021 में, प्रधानमंत्री मोदी ने डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन की 70,000 खुराकें उपलब्ध कराईं। एक उदार उपहार जिसने डोमिनिका को अपने कैरेबियाई पड़ोसियों को सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाया।” इसमें कहा गया कि यह पुरस्कार पीएम मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी में डोमिनिका के लिए भारत के समर्थन को मान्यता देता है।

बयान में कहा गया कि पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन और भू-राजनीतिक संघर्ष जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए पुरस्कार की पेशकश स्वीकार की। इसके मुताबिक पीएम मोदी ने इन मुद्दों को हल करने में डोमिनिका और कैरिबियन के साथ काम करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई देशों द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया है। ये सम्मान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और दूरदर्शिता का प्रतिबिंब हैं, जिसने वैश्विक मंच पर भारत के उदय को मजबूत किया है। यह दुनिया भर के देशों के साथ भारत के बढ़ते संबंधों को भी दर्शातें हैं।

 

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