अन्तर्राष्ट्रीय
मालदीव की सेना ने संसद को घेरा
माले, 4 फरवरी (आईएएनएस)| मालदीव की सेना ने रविवार को राजनीतिक उठापटक के बाद संसद परिसर को घेर लिया। देश के संसदीय सचिव के इस्तीफे के बाद विपक्षी सांसद संसद परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे थे जिसके कारण सेना को यह कदम उठाना पड़ा।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, भारी मात्रा में सैनिकों की तैनाती के बाद भी कुछ विपक्षी सांसदों को परिसर में घुसने की अनुमति दी गई।
संसदीय सचिव जनरल अहमद मोहम्मद ने बिना कोई कारण बताए रविवार की सुबह अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
मालदीव की सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद समेत जेल में बंद अन्य नेताओं को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया था जिसके बाद से देश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, मालदीव की सरकार ने रविवार को कहा कि देश की शीर्ष अदालत राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को पुलिस द्वारा गिरफ्तार करवाना चाहती है और सेना इस बात पर जोर दे रही है कि ऐसे आदेशों को लागू नहीं किया जा सकता।
सेना और पुलिस प्रमुख के साथ रविवार को बैठक के बाद महान्यायवादी मोहम्मद अनिल ने संवाददाताओं को बताया कि सरकार को जानकारी मिली है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राष्ट्रपति यामीन को गिरफ्तार करने का आदेश दिया जाने वाला है।
महान्यायवादी ने इस कदम को ‘असंवैधानिक’ बताया और कहा कि पुलिस और सेना सर्वोच्च न्यायालय के राष्ट्रपति को गिरफ्तार करने के किसी भी आदेश को अस्वीकार कर देगी।
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात
नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।
मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।
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