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हेल्थ

लोकसभा सांसदों ने बढ़ाया होम्योपैथिक डॉक्टरों का हौसला

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नई दिल्ली, 6 फरवरी (आईएएनएस)| नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) विधेयक के समर्थन में रैली के दूसरे दिन मंगलवार को कई लोकसभा सांसदों ने रामलीला मैदान पहुंचकर देश भर से आए करीब 11 हजार होम्योपैथिक डॉक्टरों का हौसला बढ़ाया।

रामलीला मैदान पहुंचे लोकसभा सांसदों ने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों और गांवों में रहने वाली गरीब जनता के हित में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के प्रावधान वाला एनएमसी विधेयक हर हाल में पारित कराया जाएगा क्योंकि यह समय की मांग है। देश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए ब्रिज कोर्स का प्रावधान हर हाल में लागू किया जाएगा।

विधेयक में प्रस्तावित ब्रिज कोर्स करने के बाद होम्योपैथिक और आयुष डॉक्टरों को एलोपैथी की प्रैक्टिस का अधिकार मिल सकेगा।

रैली में आए होम्योपैथिक डॉक्टरों ने कहा कि अगर मांग पूरी नहीं होती और एनएमसी बिल के तहत ब्रिज कोर्स करने के बाद होम्योपैथिक डॉक्टरों को एलौपैथी की प्रैक्टिस का मौका नहीं मिलता तो हम लोग अपने-अपने क्षेत्र के लोकसभा सांसदों के यहां धरना देंगे और आंदोलन करेंगे।

होम्योपैथिक डॉक्टरों ने मांग की है कि एनएमसी विधेयक के तहत ब्रिज कोर्स करने का मौका सभी होम्योपैथिक डॉक्टरों को मिलना चाहिए। साथ ही देश में शुरू होने वाली 15 हजार पीएचसी और सबसेंटर्स में काम करने के लिए होम्योपैथिक डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए। ऑल इंडिया होम्योपैथिक डॉक्टर्स फेडरेशन ने रामलीला मैदान में उपस्थित आयुष डॉक्टरों और ब्रिज कोर्स के समर्थन में अपनी दुकानें बंद रखने वाले होम्योपैथिक डॉक्टरों का भी आभार जताया।

नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) बिल दो जनवरी को संसद में पेश किया गया था। इस विधेयक में नीति आयोग की सिफारिशों के अनुसार केंद्र सरकार ने सभी आयुष डॉक्टरों के लिए एक ब्रिज कोर्स की घोषणा की थी। इस विधेयक में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) में बदलाव का भी प्रावधान है।

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लाइफ स्टाइल

दिल से जुड़ी बीमारियों को न्योता देता है जंक फूड, इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज  

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Junk food invites heart related diseases, avoid these foods

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नई दिल्ली। अनियमित लाइफ स्टाइल व तला भुना जंक फूड दिल से जुड़ी बीमारियों की मुख्य वजह बन गया है। स्टडीज़ के अनुसार, अगर आप अपने दिल की सेहत में सुधार करना चाहते हैं, तो इन 4 तरह के खाने से दूरी बना लें।

तला हुआ खाना

कई शोध से पता चला है कि सैचुरेटेड फैट्स शरीर में बैड कोलेस्ट्ऱॉल की मात्रा को बढ़ाने का काम करते हैं। रेड मीट, फ्रेंच फ्राइज़, सैंडविच, बर्गर आदि जैसे फूड्स LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाते हैं, जिससे स्ट्रोक और दिल के दौरे का ख़तरा बढ़ जाता है।

चीनी युक्त सोडा या फिर केक

चीनी को मीठा ज़हर ही कहा जाता है। केक, मफिन, कुकीज़ और मीठी ड्रिंक्स शरीर में सूजन का कारण बनते हैं। चीनी का ज़्यादा सेवन शरीर में फैट्स बढ़ाता है, जिससे डायबिटीज़, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।

लाल मांस

रेड मीट सैचुरेटेड फैट्स से भरपूर होता है, जिसकी वजह से धमनियों में प्लाक जम सकता है। जिनको मटन खाने का शौक है, उन्हें वह हिस्सा खाना चाहिए जिसमें ज़्यादा प्रोटीन और कम फैट हो। अगर आप चिकन खा रहे हैं तो ब्रेस्ट, विंग्ज़ वाला हिस्सा में ज़्यादा प्रोटीन होता है और कम फैट। वहीं, मछली सबसे हेल्दी और अच्छा ऑप्शन है।

सफेद चावल, ब्रेड या फिर पास्ता

सफेद ब्रेड, मैदे, चीनी और प्रोसेस्ड तेल को मिलाकर तैयार किए जाने वाले फूड्स में किसी भी तरह का फायदा नहीं होता। ऐसा ही सफेद पास्ता के साथ भी है। सफेद चावल में फाइबर की मात्रा कम होती है, इसलिए दिल की सेहत के लिए इसका ज़्यादा सेवन नहीं किया जाना चाहिए।

 

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