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प्रादेशिक

योगी के बड़े सपने, बोले-40 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्मयंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि उप्र में पहली बार आयोजित हो रही इन्वेसटर्स समिट यहां निवेश के लिए इच्छुक उद्योगपतियोंके लिए संभावनाओं के नए द्वार खोलने का काम करेगी। इसके साथ ही योगी ने यह भी कहा कि 3 साल के अंदर 40 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य लेकर उनकी सरकार चल रही है।

सूबे के मुखिया ने आगे कहा कि कारोबारियों को एक छत के नीचे सारी सुविधाएं मिलेगी, इसकी मॉनिटरिंग सीएम ऑफिस करेगा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि निवेशकों की चिंताओं को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने पिछले 11 महीनों में काफी काम किया है।

लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में चल रही उप्र इन्वेस्टर्स समिट 2018 को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने ये बातें कही। उन्होंने कहा कि उप्र सरकार ने पिछले 11 महीने में कई नीतियां बनाई हैं जिससे उद्योगपतियों को निवेश लायक माहौल मिल सके।

उन्होंने कहा कि अभी पिछले दिनों ही राज्य सरकार की तरफ से चार लाख 28 हजार करोड़ का बजट प्रस्तुत किया था। उन्होंने कहा, “हमें यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमने जितने का बजट पेश किया था ठीक उतने ही यानी चार लाख 28 हजार करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं।”

योगी ने कहा कि इस समिट में 125 कंपनियों ने हिस्सा लिया है और अभी तक 1045 एमओयू साइन हुए हैं। सरकार निवेशकों से यह कहना चाहती है कि उप्र सरकार हर एमओयू के क्रियान्वयन के लिए काम करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने उप्र में निवेश के लिए उप्र निवेश प्रोत्साहन बोर्ड का गठन किया है। इसका काफी लाभ मिला है। उप्र के 10 शहरों को स्मार्ट सिटी योजना में जगह मिली है। उप्र सरकार स्टार्ट अप को लेकर एक नई नीति बना चुकी है। इसमें आईआईटी कानपुर और बीएचयू को सहयोगी के तौर पर शामिल किया गया है। इससे उद्योगपतियों को काफी मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि उप्र में अगले तीन वषरें के भीतर 40 लाख युवाओं को रोजगार मुहैया कराया जा सके। हमारी सरकार वन डिस्ट्रक्ट वन प्रोडक्ट पर काम रही है। इसके तहत जिले के बेहतरीन उत्पादों की मार्केंटिंग की जा रही है। योगी ने कहा कि सरकार बनने के बाद पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर काफी तेजी से काम हो रहा है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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