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यूपी ने बना दी ‘बुआ-बबुआ’ की जोड़ी, बिहार में लालू के लाल का कमाल

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लखनऊ/पटना। उपचुनाव 2018 के सभी नतीजे आ चुके हैं। यूपी की दो लोकसभा सीटों के साथ बिहार की एक लोकसभा और दो विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए। यूपी और बिहार की कुल तीनों लोकसभा सीटों पर भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा। बिहार की दोनों विधानसभा सीटों की बात करें तो भाजपा सिर्फ अपनी एक सीट भभुआ ही बचा पाई।

उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा को तगड़ा झटका देते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) ने बुधवार को फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीटों पर हुए उप चुनाव में जीत दर्ज की। गोरखपुर सीट उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और फूलपुर सीट उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सांसद पद से इस्तीफा देने के बाद खाली हुई थी।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अभी तक की अपनी कट्टर प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी को उप चुनाव में समर्थन का ऐलान किया था। फूलपुर में सपा के नागेंद्र सिंह पटेल ने भाजपा के कौशलेंद्र सिंह पटेल को 59,613 मतों से हराया। गोरखपुर में सपा के उम्मीदवार प्रवीण कुमार निषाद ने भाजपा के उपेंद्र दत्त शुक्ला को 21,881 मतों से पारजित किया।

फूलपुर लोकसभा सीट से विजयी नागेंद्र पटेल ने इस जीत पर फूलपूर की जनता का शुक्रिया अदा किया और कहा कि उन्हें उनके नेता अखिलेश यादव और बहनजी मायावती के आशीर्वाद से जीत मिली है। यहां से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ रहे जेल में बंद अतीक अहमद को 33,818 मत हासिल हुए जबकि कांग्रेस प्रत्याशी मनीष मिश्रा को 11,934 मत हासिल हुए।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा, “यह (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी और योगी (आदित्यनाथ) को अस्वीकार किया जाना है।” 2014 लोकसभा चुनाव के बाद से इन दोनों सीटों पर अचानक भाजपा के खिलाफ हुए मतदाताओं के रुख पर उन्होंने कहा, “उन्होंने बड़े-बड़े वादे किए लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया। ”

खास बात यह रही कि समाजवादी पार्टी के नेताओं ने खुलकर यह स्वीकार किया कि नतीजे में बसपा की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही। भाजपा ने 2014 में राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से 73 पर जीत हासिल की थी। उसके सहयोगियों ने भी दो सीटों पर जीत दर्ज की थी। सपा ने पांच सीटें अपने नाम की थी जबकि कांग्रेस और बसपा अपना खाता खोलने में नाकाम रही थीं।

गोरखपुर के जिला अधिकारी राजीव रौतेला ने मतगणना केंद्रों पर पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगाकर विवाद खड़ा कर दिया था और पहले दो चरण के बाद वोटों की संख्या को जारी नहीं किया था। लेकिन, बाद में उन्होंने संवाददाताओं को हर दौर की गिनती की जानकारी दी। सपा कार्यकर्ताओं ने फूलपूर और गोरखपुर में जश्न मनाया जबकि भाजपा खेमे में सन्नाटा पसर गया है।

अररिया, जहानाबाद में राजद, भभुआ में भाजपा जीती

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने स्टार प्रचारक और पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद के जेल में रहने के बावजूद अररिया लोकसभा और जहानाबाद विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की, वहीं भभुआ विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जीत दर्ज की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अररिया लोकसभा सीट पर राजद के सरफराज आलम ने भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह को लगभग 60 हजार मतों से हराया। जहानाबाद विधानसभा सीट पर, राजग के सुदय यादव ने जनता दल- यूनाइटेड के अभिराम शर्मा को 35,036 मतों से हराया।

भभुआ विधानसभा सीट पर, भाजपा की रिंकी पांडे ने कांग्रेस के शंभू पटेल को 15 हजार मतों से हराया। तीनों सीटों पर रविवार को उप चुनाव हुए थे। लोकसभा चुनाव से एक वर्ष पूर्व, बिहार में भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और राजद-कांग्रेसनीत महागठबंधन के बीच यह सीधा मुकाबला था। राजद के प्रवक्ता रामानुजन प्रसाद ने कहा, “लोगों ने नीतीश कुमार के जुमलेबाज भाजपा के साथ हाथ मिलाने के फैसले को नकार दिया है।”

राजद के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पूरे बिहार में मिठाइयां बांटकर और पटाखे फोडक़र खुशियां मनाई। बिहार विधानसभा के परिसर में, राजद के विधायकों ने एक दूसरे पर गुलाल लगाकर होली मनाई।

अररिया लोकसभा सीट राजद के सांसद मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद खाली हुई थी। राजद ने यहां से तस्लीमुद्दीन के बेटे और सत्तारूढ़ जद-यू के विधायक सरफराज आलम को अपना चुनाव प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था। सरफराज ने राजद में शामिल होने के लिए जद-यू छोड़ दिया था और विधानसभा से त्यागपत्र दे दिया था। वह इससे पहले अररिया के जोकीहाट के विधायक थे।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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