नेशनल
बिहार उत्सव में कलाकारों ने लोकगीत, संगीत से बांधा समा
नई दिल्ली, 26 मार्च (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चल रहे 15 दिवसीय बिहार उत्सव के दौरान आयोजित सांस्कृतिक संध्या में प्रदेश के मशहूर कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया। बिहार के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में यहां आईएनए इलाके में स्थित दिल्ली हाट में बिहार उत्सव चल रहा है। यह उत्सव 15 मार्च से आरंभ हुआ और बिहार के स्थापना दिवस 31 मार्च को इसका समापन होगा। उत्सव के दौरान तीन दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव आयोजित किया गया, जिसका समापन रविवार को हुआ।
इस मौके पर कजरी, झूमर और जट-जटीन आदि बिहार की लोक गीत-संगीत व नृत्य की प्रस्तुति से कलाकारों ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
आकाशवाणी की कलाकारा उषा सिंह, अमर आनंद, रंजीत कुमार, सत्येंद्र कुमार आदि की प्रस्तुति ने लोगों को मत्रमुंग्ध कर दिया। अमर आनंद एवं रंजीत कुमार ने बिहार के लोकगीत एवं संगीत से श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया।
अमर आनंद ने ‘बोले पपीहा चहके चिरैया’, ‘गे माई चंद्रमुखी सन गौरी’, ‘अंगुरी में डसले बिया नगिनिया रे ए ननदी’ समेत कई गीत पेश किए। वहीं उषा सिंह ने ‘पनिया के जहाज से पलटनिया बनी अईह पिया’, ‘रेलीया बैरन पिया को लिए जाय रे’, ‘नजरा गईल गोइया’, ‘सैंया मिले लड़कैया मैं का करूं’ आदि गीत गाए।
बिहार उत्सव में यहां अनेक आकर्षक व कलात्मक वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई गई है, जिनके लिए बिहार दुनियाभर में चर्चित है। मसलन, भागलपुरी सिल्क और मधुबनी पेंटिंग पूरी दुनिया में मशहूर हैं। दिल्ली हाट में सिकी के उत्पाद, लकड़ी की मूर्ति और जूट के बने सामान समेत विभिन्न वस्तुओं के कुल 118 आकर्षक स्टाल्स लगाए गए हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात
नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।
मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।
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