साइंस
व्हाट्सएप में आया ‘चेंज नंबर’ का नया फीचर
नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)| लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप ने अपने नए संस्करण में ‘चेंज नंबर’ फीचर में एक नई सुविधा जोड़ी है, जिसकी सहायता से आप अपना डाटा बिना किसी परेशानी के एक नए नंबर पर स्थानांतरित कर सकेंगे।
फिलहाल 2.18.97 एंड्रोएड बीटा वर्जन में गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध यह सुविधा एप्पल स्टोर और विंडो आधारित मोबाइलों के लिए बाद में उपलब्ध होगी।
व्हाट्सएप के नए फीचरों पर नजर रखने वाली एक वेबसाइट वेबीटाइंफो ने ट्वीट किया, इसमें पुराने ‘चेंज नंबर’ फीचर में कई सुधार किए हैं। इसमें आपको विशेष मोबाइल नंबरों को सूचित करने की सुविधा मिलेगी, तथा चैट हिस्ट्री उनके फोन की नई चैट में उपलब्ध हो जाएगी। इससे डुप्लीकेट चैट की समस्या समाप्त हो जाएगी।
उपभोक्ता को आपके फोन में सेव कुछ या सभी मोबाइल नंबरों को चिह्नित करने की सुविधा दी जाएगी, जिन्हें आप नोटीफिकेशन देना चाहते हैं। नोटीफिकेशन के लिए आप उन मोबाइल नंबरों को भी चुन सकते हैं, जिनसे आप चैट कर चुके हैं।
इसके लिए उपभोक्ता को व्हाट्सएप सेटिंग में जाकर अकाउंट के विकल्प में चेंज नंबर का विकल्प चुनना होगा।
इसमें मांगे गए पुराने और नए मोबाइल नंबर भरने की प्रक्रिया के बाद, आपसे पूछा जाएगा कि आप अपने फोन में मौजूद व्हाट्सएप नंबरों में से किसे यह नोटीफिकेशन भेजना चाहते हैं।
वेबसाइट के मुताबिक, स्थानांतरण के बाद आपके द्वारा चुने गए नंबरों के फोन में पुरानी चैट के सभी संदेश नए नंबर की चैट बॉक्स में आ जाएंगे और चैट में एक चिह्न दिखने लगेगा कि उपयोगकर्ता के पास नया नंबर आ गया है।
इस समय व्हाट्सएप के 1.5 अरब सक्रिय मासिक उपभोक्ता हैं, जो प्रतिदिन 60 अरब संदेशों का आदान-प्रदान करते हैं। भारत में व्हाट्सएप के दो करोड़ उपभोक्ता हैं।
साइंस
फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन, जानें कुछ उनके बारे में
नई दिल्ली। इंडियन न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक और फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन है। जे. भाभा, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के फाउंडिंग डायरेक्टर और फिजिक्स के प्रोफेसर भी थे। होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 में एक अमीर पारसी परिवार में हुआ था। होमी जहांगीर भाभा के पिता का नाम जहांगीर होर्मुस्जी भाभा और माता का नाम मेहरबाई भाभा था, इनके पिता एक जाने-माने वकील थे जबकि माँ एक गृहिणी थीं।
होमी भाभा ने 16 साल की आयु में ही सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा पास कर ली थी। फिर वे गोनविले और कैयस कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए कैम्ब्रिज गए। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज में कैवेंडिश लैब में रिसर्च करना शुरू किया और उनका पहला रिसर्च पेपर 1933 में प्रकाशित हुआ। दो साल बाद, उन्होंने अपनी पीएचडी हासिल की और 1939 तक कैम्ब्रिज में रहे।होमी भाभा ने छात्र के रूप में कोपेनहेगन में नोबेल पुरस्कार विजेता नील्स बोहर के साथ काम किया और क्वांटम सिद्धांत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।
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