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उत्तराखंड

घर लौटी सोनपरी, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की तारीफ

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को अपने आवास पर प्रसिद्ध निशानेबाज जसपाल राणा की बेटी देवांशी राणा से मुलाकात की।

देवांशी राणा ने ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में आयोजित जूनियर शूटिंग वल्र्ड कप में दो स्वर्ण पदक जीते हैं। इस मौके पर उनसे मुलाकात करते हिए मुख्यमंत्री ने देवांशी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए, उन्हें भविष्य में ऐसा ही बेहतर प्रदर्शन करने की शुभकामनाएं दी।

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में आयोजित जूनियर शूटिंग वल्र्ड कप में देवांशी ने जीते दो स्वर्ण पदक।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि देवांशी ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है। प्रदेश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। प्रदेश सरकार भी खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

इस मौके पर पर देवांशी की मां रीना राणा और दादा नारायण सिंह राणा भी मौजूद रहे।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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