Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

यूपी विधानसभा में वकील की हत्या मामले पर हंगामा

Published

on

UP-Assembly-vidhansabha

Loading

लखनऊ। इलाहाबाद में एक वकील की दरोगा द्वारा गोली मारकर हत्या कर दिए जाने के मामले को लेकर गुरुवार को विधानसभा में संपूर्ण विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्षी सदस्य वेल में आ गए और इस विषय पर चर्चा कराए जाने की मांग करने लगे। पीठ से अपनी मांग के अनुरूप निर्देश न मिलने पर पहले बहुजन समाज पार्टी और बाद में कांग्रेस ने सदन से बहिर्गमन किया।

सदन की कार्यवाही जैसे ही 11 बजे शुरू हुई, नेता प्रतिपक्ष बसपा के स्वामी प्रसाद मौर्य खड़े हुए और वकीलों के मामले में चर्चा कराये जाने की मांग विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे से करते हुए बसपा सदस्य वेल में आ गए और हंगामा करने लगे। उनके पीछे कांग्रेस और भाजपा सदस्य भी वेल में आ गए। सभी विपक्षी सदस्य कार्यवाही निलंबित कर इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर नियम 56 के तहत चर्चा कराने की बात कही। मौर्य ने कहा, “वकील की हत्या पर सरकार मजाक उड़ा रही है, इसीलिए सदन से हम वाकआउट करते हैं।”

भारतीय जनता पार्टी विधानमंडल दल के नेता सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार को इस घटना पर इस्तीफा दे देना चाहिए। भाजपा के ही लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने नियमों का हवाला देते हुए चर्चा कराने की मांग की। संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने कहा कि पहले बसपा, फिर कांग्रेस और भाजपा वेल में आई। ये लोग जनता का धन बर्बाद कर रहे हैं। यह हंगामा सिर्फ इसलिए हो रहा है कि ताकि मीडिया की सुर्खियां बना जा सके। उन्होंने कहा कि ताजुब्ब है कि नेता प्रतिपक्ष ने बिना कुछ बोले ही पूरी पार्टी को वेल में उतार दिया। यह इनका गैर जिम्मेदाराना रवैया है। इसके बावजूद भाजपा सदस्य वेल में डटे रहे।

हंगामे को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पहले पंद्रह मिनट और बाद में दस मिनट के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तब कांग्रेस इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग पर अड़ी रही, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कर दिया। इससे नाराज कांग्रेस के सदस्य भी सदन से बहिर्गमन कर गए।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

Published

on

Loading

संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

Continue Reading

Trending