मुख्य समाचार
शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों को आंतरिक स्तर पर मुद्दे सुलझाने चाहिए : न्यायमूर्ति ठाकुर
नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)| पूर्व प्रधान न्यायाधीश टी.एस. ठाकुर ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के चारों वरिष्ठ न्यायाधीशों को संवाददाता सम्मेलन नहीं करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के भीतर ही मसले सुलझाए जाने चाहिए थे। पूर्व प्रधान न्यायाधीश ठाकुर ने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि राष्ट्र से अपील करने से न्यायाधीशों को मदद नहीं मिलेगी और उनको संस्थागत समस्याओं का समाधान करने के लिए बाहर से मदद की अपेक्षा करने की जरूरत नहीं है।
ठाकुर ने कहा कि संवाददाता सम्मेलन को देखकर कोई भी शीर्ष अदालत के घटनाक्रम से विक्षुब्ध हो जाएगा और अदालत की कार्य प्रणाली को सार्वजनिक करने से मसले को लेकर फैसला लेने में असमर्थ महसूस करेगा।
दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश कैलाश गंभीर द्वारा बनाए गए गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘ग्लोबल ज्यूरिस्ट’ के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रेसवार्ता से राजनीतिज्ञों और मीडिया को मसले पर विचार-विमर्श करने का मौका मिला।
पूर्व प्रधान न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगई, न्यायमूर्ति एम.बी. लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ द्वारा 12 जनवरी को आयोजित प्रेसवार्ता के संदर्भ में बोल रहे थे।
चारों वरिष्ठ न्यायाधीशों ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय के प्रशासनिक कार्य में सबकुछ सुचारु ढंग से नहीं चल रहा है।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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