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प्रादेशिक

मप्र में गेहूं खरीदी 1450 रुपये क्विंटल की दर से

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भोपाल | मध्य प्रदेश में समर्थन मूल्य पर 18 मार्च से गेहूं की खरीदी शुरु हो रही है, इस बार 1450 रुपये प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाएगी। राज्य सरकार ने बीते वर्ष समर्थन मूल्य पर 150 रुपये का बोनस दिए जाने पर 1550 रुपये क्विंटल की दर से खरीदी की थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गेहूं उपार्जन (खरीदी) की समीक्षा करते हुए गुरुवार को कहा कि किसानों को गेहूँ खरीदी में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। खरीदी केन्द्रों की स्थापना, भण्डारण, परिवहन, मण्डियों में तुलाई की व्यवस्थाओं और पंजीयन कराने वाले किसानों के सत्यापन का कार्य जल्दी पूरा किया जाए।

इस वर्ष समर्थन मूल्य पर गेहूं की 1450 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जाएगी। इसके लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री केन्द्र सरकार से आग्रह करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे केन्द्रीय खाद्य मंत्री और केन्द्रीय वित्त मंत्री से चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री ने मण्डियों और उप-मण्डियों में भी गेहूं खरीदी केन्द्र बनाने और इलेक्ट्रॉनिक नाप-तौल के इंतजाम करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि दो करोड़ 58 लाख बारदाने (बोरे) उपलब्ध हैं जो 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं उपार्जन के लिये पर्याप्त हैं। इसके अलावा भी अतिरिक्त संख्या में बारदानों की व्यवस्था है। यह भी बताया गया कि राज्य की भण्डारण क्षमता 111 लाख टन है जो अनुमानित उपार्जन के लिए पर्याप्त है।

ज्ञात हो कि बीते वर्ष केंद्र सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 1400 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था, जिस पर राज्य सरकार ने 150 रुपये का अतिरिक्त बोनस दिया था, जिसके चलते किसानों को गेहूं पर प्रति क्विं टल 1550 रुपये मिले थे, मगर इस बार बोनस का एलान नहीं किया गया है। चौहान ने धान के भण्डारण पर चर्चा के दौरान किसानों को महामाया प्रजाति का धान नहीं उगाने की सलाह देने के लिए व्यापक परामर्श अभियान चलाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस धान की गुणवत्ता अच्छी नहीं होने से मिलिंग के लिए उपयोगी नहीं होता है और इसकी बिक्री नहीं हो पाती। इसलिए महामाया धान की खरीदी नहीं की जाएगी।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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