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मुख्य समाचार

बेगम अख्तर पुरस्कार के लिए आवेदन 15 जून तक

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लखनऊ, 21 मई (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा विगत वर्ष 2017-18 की भांति वर्ष 2018-19 में मल्लिका-ए-गजल बेगम अ़ख्तर की स्मृति में दादरा/ठुमरी/गजल विद्याओं में प्रतिभावान गायक को ”बेगम अख्तर पुरस्कार” से सम्मानित किये जाने के लिए पात्र महानुभावों के नामांकन 15 जून तक मांगा गया है। संस्कृति विभाग के सचिव जगत राज ने आईपीएन को बताया कि चयनित कलाकार को 5 लाख रुपये की धनराशि, अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र भेंट स्वरूप प्रदान की जायेगी। बेगम अ़ख्तर पुरस्कार के लिए विचार किये जाने वाले कलाकार की जन्मभूमि/कर्मभूमि उत्तर प्रदेश होनी चाहिए तथा उसकी आयु 40 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि उप्र संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ, भातखण्डे संगीत संस्थान सम-विश्वविद्यालय, लखनऊ, भारतेन्दु नाट्य अकादमी, लखनऊ, अयोध्या शोध संस्थान, अयोध्या, राष्ट्रीय कथक संस्थान, लखनऊ, गीत एवं नाटक प्रभाग, लखनऊ, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र इलाहाबाद, भारतीय सांस्कृतिक सम्बद्ध परिषद, लखनऊ आकाशवाणी, लखनऊ, दूरदर्शन केन्द्र, लखनऊ उ0प्र0 में स्थित विश्वविद्यालयों के संगीत संकाय के डीन/हेड अथवा विभिन्न जनपदों के जिलाधिकारियों/मण्डलायुक्तों से नामांकन मांगे जा रहे हैं। पुरस्कार सम्बन्धी नियमावली एवं निर्धारित प्रारूप वाला आवेदन पत्र संस्कृति विभाग, उ.प्र. की वेबसाइट ूूण्नचबनसजनतमण्नचण्दपबण्पद पर प्राप्त किया जा सकता है।

बता दे कि बेगम अख्तर पुरस्कार प्रत्येक वर्ष एक ऐसे प्रतिभावान विशिष्ट गायक को प्रदान किया जाता है, जिसने दादरा, ठुमरी, गजल की विधाओं में अपने व्यक्तिगत प्रयासों से उत्कृष्ट आयाम स्थापित किया हो तथा इन विधाओं से राष्ट्र के गौरव में अभिवृद्धि की है।

गौरतलब है कि पद्मभूषण मल्लिका-ए-गजल मल्लिका-ए-गजल बेगम अ़ख्तर की स्मृति को चिरस्थायी बनाने एवं विरासत का संवर्धन करने के उद्देश्य से बेगम अख्तर शताब्दी वर्ष 2014-15 में ‘बेगम अख्तर पुरस्कार’ की स्थापना की गयी थी।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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