प्रादेशिक
केरल में पेट्रोल, डीजल इतना………. सस्ता, मुख्यमंत्री का एक बड़ा कदम
जनता को कुछ राहत देने के लिए केरल सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया। यह कदम भाजपा राज्यों और केंद्र सरकार के लिए एक चुनौती बन जाएगा। केरल सरकार ने अपने राजस्व में कमी कर जनता के हितों का ध्यान रखा है। केरल सरकार के इस फैसले से राज्य सरकार के राजस्व में करीब 509 करोड़ रुपए का घाटा होगा।
#Kerala government has decided to reduce the prices of petrol and diesel by 1 Rupee in the state, will come into effect on 1 June: CM Pinarayi Vijayan (File Pic) pic.twitter.com/Yf2wzGm34G
— ANI (@ANI) May 30, 2018
केरल सरकार के फैसले से लगातार बढ़ रहीं पेट्रो कीमतों से परेशान जनता को कुछ राहत मिलेगी। साप्ताहिक कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा, “राज्य सरकार ने पेट्रो पदार्थों पर अपने कर के हिस्से से एक रुपए कम करने का फैसला किया है, परिणामस्वरूप, सरकार को 509 करोड़ रुपए के वार्षिक राजस्व का नुकसान होगा।”
Kerala did good by reducing the price. All states, whether governed by BJP or opposition, should try to reduce fuel prices but each state has different priorities & responsibilities: Petroleum Minister Dharmendra Pradhan on Kerala cutting fuel prices by Re 1
— ANI (@ANI) May 30, 2018
उन्होंने कहा, “हम केंद्र सरकार को संदेश देना चाहते हैं कि पिछली कई तिमाहियों से अनुरोधों के बावजूद वे ऐसा कुछ नहीं कर रहे हैं, जिससे जनता को राहत मिले।” उन्होंने आगे कहा, “पेट्रो पदार्थों की कीमत बढ़ रही है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इनकी कीमतें कम हो रही है। हमने ऐसा किया, क्योंकि हम अपनी मंशा जताना चाहते थे।”
I welcome it. One must also note that Kerala is one of the highest tax collecting states & when we appealed(for fuel price cut), their Finance Minister gave negative statement,but now they took responsibility, I thank them for it: Petroleum Min on Kerala cutting fuel price by Re1 pic.twitter.com/F4qCX8XzlS
— ANI (@ANI) May 30, 2018
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि तेल की कीमतों का निर्धारण तेल कंपनियां करती हैं और उसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है। पेट्रोलियम मंत्री ने बुधवार को पेट्रोल और डीजल के दाम में एक पैसे की कमी को लेकर विपक्ष के ताने पर सफाई देते हुए यह स्पष्टीकरण दिया।
हालांकि प्रधान ने कहा कि तेल अंतर्राष्ट्रीय कमोडिटी है और इसकी कीमतें विभिन्न घटकों से तय होती हैं, जिनमें तेल के उत्पादन का परिमाण, अंतर्राष्ट्रीय बाजार और राजनीति, तेल कंपनियां और केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए कर शामिल हैं।
केरल की ओर से शुक्रवार से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक रुपया प्रति लीटर की कटौती करने के लिए इनपर लगाए जाने वाले कर का त्याग करने के मसले पर प्रधान ने कहा कि केरल सबसे ज्यादा कर संग्रहकर्ता राज्यों में शुमार है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों को तेल की कीमतों में कटौती करनी चाहिए मगर हर राज्य की अपनी सीमाएं व प्राथमिकताएं हैं।
इंडियन ऑयल कार्पोरेशन (आईओसी) के वेबसाइट के अनुसार केरल में अभी पेट्रोल 82.61 रुपए और डीजल 75.19 रुपए प्रति लीटर की दर से बेचा जा रहा हैं। केरल सरकार अभी पेट्रोल पर करीब 32.02 फीसद (19.50 रुपए) और 25.58 फीसद (15.51 रुपए) डीजल पर कर लगाती है। साथ ही यहां पेट्रोल और डीजल पर 1 फीसदी सेस भी अलग से लगा है।
केरल देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है जहां तेल पर टैक्स की दरें सबसे अधिक है। पिछले वित्त वर्ष (2017-18) में केरल सरकार को पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से 7795 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था। (इनपुट आईएएनएस)
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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