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प्रादेशिक

मप्र : गैर भाजपा-गैर कांग्रेस दलों की महागठबंधन की तैयारी

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भोपाल | मध्य प्रदेश में गैर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और गैर कांग्रेस दलों में महा गठबंधन की तैयारियां तेज हो गई हैं। यह दल जल, जंगल और जमीन को मुद्दा बनाकर अपनी राजनीति की जमीन तैयार करने की जुगत में है। इसके लिए ये दल आगामी 31 मार्च को अपने गठबंधन का ऐलान भी कर सकते हैं।

राज्य की राजनीति में समाजवादियों, कम्युनिस्ट और जनजातीय तथा पिछड़े वर्ग की लड़ाई लड़ने वाले राजनीतिक दलों का असर रहा है, मगर आपसी बिखराव-टकराव के चलते इनका असर लगातार कम होता गया है। यही कारण है कि भाजपा, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के अलावा अन्य किसी दल का वर्तमान में ज्यादा प्रभाव नहीं रह गया है। यह बात अलग है कि उनके समर्थक हर इलाके में हैं और जनाधार को भी नकारा नहीं जा सकता। राज्य के खास हिस्सों तक प्रभाव रखने वाले दलों -समाजवादी पार्टी, जनता दल (युनाइटेड), मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), राष्टीय समानता दल, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और बहुजन संघर्ष दल ने अब मिलकर राजनीति करने की तैयारी में हैं।

देखा जाए तो सपा का उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड में प्रभाव है, इसी तरह जद(यू) के बुंदेलखंड, विंध्य, महाकौशल और निमाड़ में समर्थक हैं। तो कम्युनिस्ट पार्टियों का श्रमिकों में विशेष असर है। इसके अलावा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का महाकौशल, विंध्य आदि क्षेत्र के जनजातीय वर्ग में पकड़ है और समानता दल बुंदेलखंड व पिछड़ों मे दखल रखता है। इसके अतिरिक्त बहुजन संघर्ष दल ग्वालियर, चंबल में सक्रिय है। इन सभी दलों के नेता मानते हैं कि बीते 20 वषरें में कांग्रेस और भाजपा ने राज्य में महाविनाश और महा भ्रष्टाचार को बढ़ा दिया है। इतना ही नहीं इन दोनों दलों की नीतियां जनविरोधी व संविधान विरोधी और पूंजीपति समर्थक हैं। इसके चलते गरीब बेकार और बेघर होते जा रहे हैं, समस्याएं बढ़ रही हैं मगर इन सरकारों को सिर्फ पूंजीपतियों की चिंता है।

जद(यू) के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद यादव ने से इस बात की पुष्टि की है कि गैर भाजपा गैर कांग्रेस दल मिलकर महागठबंधन बनाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “सात दलों के इस गठबंधन का न्यूनतम साक्षा कार्यक्रम भी होगा, जो लोगों की समस्याओं को लेकर संघर्ष करेगा।” यादव ने बताया है कि यह गठबंधन चुनाव के लिए नहीं बल्कि आम लोगों की समस्याओं और भाजपा-कांग्रेस की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने का मंच है। सभी सातों दलों का राजनीतिक दर्शन एक-दूसरे से मेल खाता है लिहाजा राजनीतिक टकराव की भी संभावना नहीं है।

उन्होंने कहा, “सरकार की नीतियों में गरीब और किसान कहीं भी नहीं हैं, उसकी सारी नीतियां पूंजीपतियों के लिए हैं। केंद्र सरकार भूमि अधिग्रहण विधेयक ला रही है, वहीं मध्य प्रदेश में बीते 20 वषरें में आईं कांग्रेस व भाजपा की सरकारों ने सिर्फ असंतुलित विकास को बढ़ावा दिया है। एक तरफ विनाश और महाविनाश बढ़ा तो दूसरी ओर भ्रष्टाचार में इजाफा हुआ है।” महागठबंधन बनाने के लिए आम सहमति बनाने वाले दल मिलकर नगर निगम जबलपुर के महापौर का चुनाव लड़ चुके हैं, मगर वहां उन्हें जीत हासिल नहीं हुई, बल्कि मात्र 10 हजार ही वोट मिले थे। ये दल मानते हैं कि ये वोट किसी पार्टी नहीं बल्कि विचारधारा को मिले थे, लिहाजा उन्हें लगता है कि एक वर्ग उनकी विचारधारा में भरोसा रखता है। सात दलों का महागठबंधन बनाने की कोशिश अगर सफल होती है तो देखना होगा कि ये दल मिलकर कितने आगे चलते हैं, क्योंकि गठबंधनों के पिछले अनुभव किसी के लिए अच्छे नहीं रहे हैं।

उत्तर प्रदेश

हरदोई में भीषण सड़क हादसा, डीसीएम-ऑटो की टक्कर में 10 की मौत

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हरदोई। उत्तर प्रदेश के हरदोई में हुए एक भीषण सड़क हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई। यहां के बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र में कटरा बिल्हौर-हाईवे पर डीसीएम और ऑटो की आमने-सामने से टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ऑटो के परखच्चे उड़ गए।

हादसे की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और प्रशासन की टीम तत्काल मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया। हादसे में मारे गए लोगों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और उनके परिजनों को सूचित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण ऑटो और डीसीएम की तेज रफ्तार बताई जा रही है। मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी ने कहा कि मृतकों के परिवारों को जल्द ही उचित सहायता प्रदान की जाएगी और हादसे की विस्तृत जांच की जाएगी।

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी ने हरदोई में हुए सड़क हादसे का संज्ञान लिया है। सीएम योगी ने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंच कर राहत कार्य में तेजी लाने के भी निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने घायलों के समुचित उपचार के लिए भी निर्देश दिए हैं।

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