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मुख्य समाचार

बिजली उपकरण उद्योग में रिकार्ड 12.8 फीसदी वृद्धि दर : आईईईएमए

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नई दिल्ली, 15 जून (आईएएनएस)| भारतीय बिजली उपकरण उद्योग में सात सालों बाद एक बार फिर तेजी लौटी है और वित्त वर्ष 2017-18 में इसकी वृद्धि दर 12.8 फीसदी दर्ज की गई, जिसमें खासतौर से तीसरी और चौथी तिमाही में क्रमश: 25 फीसदी और 14 फीसदी की प्रभावशाली वृद्धि दर दर्ज की गई है। इलेक्ट्रिकल, इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स और संबंधित उपकरणों के निर्माताओं के शीर्ष उद्योग संघ – भारतीय इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादक संघ (आईईईएमए) ने शुक्रवार को बताया कि समीक्षाधीन अवधि में रोटेटिंग मशीन्स की बिक्री में 12 फीसदी, एचटी मोटर्स की बिक्री में 18 फीसदी, केबल्स की बिक्री में 20 फीसदी और मीटर्स की बिक्री में 28 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।

आईईईएमए ने कहा कि हालांकि उच्च आयात के कारण उद्योग का कारोबार प्रभावित हो रहा है, लेकिन सरकार द्वारा किए गए नीतिगत परिवर्तन और उद्योग द्वारा शुरू की गई विभिन्न पहलों के कारण इस क्षेत्र में तेजी लौटने लगी है।

आईईईएमए के अध्यक्ष श्रीगोपाल काबरा ने बताया, 2017 की तीसरी और चौथी तिमाही में विकास दर में काफी सुधार हुआ, जिसके परिणामस्वरूप प्रदर्शन में तेज वृद्धि हुई। इस दौरान तीसरी तिमाही में उद्योग की वृद्धि दर 25 फीसदी और चौथी तिमाही में 14 फीसदी रही। घरेलू बाजार में मांग बढ़ने के कारण ट्रासमिशन लाइन टॉवर्स की मांग में भी वृद्धि दर्ज की गई।

संस्था ने कहा कि सरकार स्मार्ट और प्रीपेड मीटरों की देश भर में खरीद करनेवाली है, इसलिए इलेक्ट्रिसिटी मीटर निर्माताओं से उत्पादन बढ़ाने को कहा गया है। सरकार ने अगले तीन सालों में सभी बिजली मीटर को प्रीपेड में बदल देने की योजना बनाई है। इनर्जी एफिशियंसी सर्विसेज लि. (ईईएसएल) ने एक करोड़ स्मार्ट मीटर्स की खरीद के लिए वैश्विक निविदा जारी की है।

आईईईएमए के महानिदेशक सुनील मिश्रा ने बताया, हमारा मानना है कि विकास की यह गति जारी रहेगी, क्योंकि अगले साल कई वितरण और संरचण योजनाएं शुरू की जाएंगी। हालांकि ज्यादातर सरकारी ऑर्डर ईपीसी रूट से जारी किए जाएंगे। लेकिन इससे इस क्षेत्र में तेजी लौटेगी।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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