Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

जबरन हटाया गया तो पानी भी त्याग दूंगा : सिसोदिया

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 15 जून (आईएएनएस)| दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा कि अगर उन्हें जबर्दस्ती अस्पताल ले जाया गया तो वह पानी पीना भी बंद कर देंगे। सिसोदिया के साथ स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन उपराज्यपाल कार्यालय में अनशन पर हैं। सिसोदिया व जैन के अनिश्चितकालीन अनशन का क्रमश: तीसरा और चौथा दिन होने से उपराज्यपाल कार्यालय पर शुक्रवार को एंबुलेंस व 20 से ज्यादा चिकित्सकों का एक दल पहुंचा।

इलाके में अतिरिक्त बल तैनात किया गया है। सूत्रों के अनुसार, उपराज्यपाल कार्यालय उन्हें जबरन बाहर निकालने की योजना बना रहा है।

सिसोदिया ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि अपनी मांगें पूरी होने तक वे अनशन खत्म नहीं करने जा रहे हैं।

सिसोदिया ने वीडियो में कहा, हम बीते पांच दिनों से उपराज्यपाल कार्यालय में धरना दे रहे हैं। सत्येंद्र जैन बीते चार दिनों से अनशन पर हैं और मैं बीते तीन दिनों से अनशन पर हूं।

उन्होंने कहा, हम पूरी तरह फिट हैं और हमारा शरीर पूरी तरह ठीक है।

सिसोदिया ने कहा, हमें सूचना मिली है कि कई चिकित्सकों को यहां बुलाया गया है और हमें जबरन ले जाने की योजना है।

उन्होंने उपराज्यपाल व प्रधानमंत्री को इस तरह का कोई कार्य करने को लेकर चेताया और कहा कि अगर उन्हें जबर्दस्ती हटाया गया तो वे पानी भी पीना बंद कर देंगे।

उन्होंने कहा, अनशन तोड़ने के लिए मजबूर करने के बजाय कृपया हमारी मांगों पर ध्यान दें।

सिसोदिया ने कहा कि सुबह से उन्हें एनिमा नहीं दिया गया है, जबकि अनशन करने वालों को शरीर से विषैला कचरा निकालने के लिए एनिमा दिया जाता है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एंबुलेंस और चिकित्सकों के पहुंचने पर सवाल उठाया है।

केजरीवाल ने ट्वीट किया, वे उन्हें जबर्दस्ती हटाने की योजना क्यों बना रहे हैं? अभी सिर्फ चार दिन हुए हैं। दोनों फिट हैं। वे दिल्ली के लोगों के लिए लड़ रहे हैं।

केजरीवाल, सिसोदिया, जैन और मंत्रिमंडल के मंत्री गोपाल राय राज निवास में सोमवार शाम से धरने पर हैं। राजनिवास उपराज्यपाल अनिल बैजल का आधिकारिक निवास-सह-कार्यालय है।

वे दिल्ली प्रशासन के तहत काम कर रहे आईएएस अधिकारियों को अपनी अघोषित हड़ताल खत्म करने का निर्देश देने की मांग कर रहे हैं।

Continue Reading

नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

Published

on

Loading

नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

Continue Reading

Trending