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मुख्य समाचार

देश की वृद्धि दर दहाई अंक तक ले जाने की चुनौती : मोदी

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नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2017-18 की चौथी तिमाही में 7.7 फीसदी की दर से बढ़ी है और अब चुनौती इसे दहाई अंक तक ले जाने की है।

मोदी ने नीति आयोग की शासी परिषद की चौथी बैठक में कहा, अब चुनौती इस वृद्धि दर को दोहरे अंक तक ले जाने की है, जिसके लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। 2022 तक नए इंडिया का विजन अब हमारे देश के लोगों का संकल्प बन गया है।

नीति आयोग की इस बैठक में कई सारे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें किसानों की आय दोगुनी करने, आकांक्षी जिलों का विकास, आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय पोषण मिशन, मिशन इंद्रधनुष जैसी प्रमुख योजनाओं की प्रगति और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का जश्न शामिल हैं।

शासी परिषद एक प्रमुख निकाय है, जिसकी जिम्मेदारी विकास की गाथा को आकार देने में राज्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास की प्राथमिकताओं, सेक्टरों और रणनीतियों का एक साझा दृष्टिकोण विकसित करना है।

परिषद पूर्व के वर्ष के दौरान किए गए कार्यों की समीक्षा करती है और भविष्य की विकास प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श करती है।

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों और अन्य प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि शासी परिषद एक ऐसा मंच है, जो ‘ऐतिहासिक परिवर्तन’ ला सकता है। इस बैठक में दिल्ली, ओडिशा, गोवा, मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मौजूद नहीं थे।

उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र बाढ़ प्रभावित राज्यों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगा।

मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन, डिजिटल लेनदेन और कौशल विकास जैसे मुद्दों पर उप-समूहों व समितियों के माध्यम से नीति तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए मुख्यमंत्रियों की प्रशंसा की।

मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत 1.5 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का निर्माण किया जा रहा है और लगभग 10 करोड़ परिवारों को हर साल पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि समग्र समाज शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा के लिए एक व्यापक ष्टिकोण अपनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि मानव विकास के सभी पहलुओं और मानकों को हल करने और सुधारने की जरूरत है।

मोदी ने कहा, ग्राम स्वराज अभियान योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एक नए मॉडल के रूप में उभरा है और अब तक यह 45,000 गांवों में अपनी पहुंच बना चुका है।

मोदी ने कहा कि इन सात कल्याणकारी योजनाओं उज्जवला, सौभाग्य, उजाला, जन धन, जीवन ज्योति योजना, सुरक्षा बीमा योजना और मिशन इंद्रधनुष को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

मोदी ने कहा, भारत में योग्यता, क्षमता और संसाधनों की कोई कमी नहीं है और मौजूदा वित्त वर्ष में राज्य केंद्र सरकार से 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक हासिल कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, यह बैठक भारत के लोगों की आशाओं और अकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है और इन्हें पूरा करने के लिए इस बैठक पर सभी प्रयास करने की जिम्मेदारी भी है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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