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मुख्य समाचार

343 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता लंबित : जयराम ठाकुर

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नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रविवार को यहां कहा कि प्रदेश के पांच जिलों को राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत लाया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के अन्तर्गत वित्त वर्ष 2015-16 तथा 2016-17 के लिए 343.12 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता अभी लम्बित है। ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक में कहा कि जल संसाधन मंत्रालय ने पीएमकेएसवाई के अन्तर्गत निधि के लिए वर्ष 2016-17 में 99 सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता दी है, हालांकि सभी शर्तें पूरी करने के बावजूद इस सूची में हिमाचल प्रदेश की एक भी योजना शामिल नहीं है।

राज्य सरकार ने आग्रह किया है त्वरित सिंचाई लाभ योजना (एआईबीपी) के अन्तर्गत निधि के लिए 156.31 करोड़ रुपये की मध्यम सिंचाई परियोजना नादौन और 204.51 करोड़ रुपये की फिना सिंह सिंचाई परियोजना को इस सूची में शामिल किया जाए, क्योंकि इन योजनाओं में सभी शर्ते पूरी की गई है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत लम्बित निधि को शीघ्र जारी करने का आग्रह किया तथा कहा कि इन दोनों सिंचाई परियोजनाओं को 99 प्राथमिकता परियोजनाओं की सूची में शामिल किया जाए, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए वर्तमान वर्ष में नौ योजनाओं को कार्यान्वित करेगी।

उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने सिंचाई के लिए पानी की कमी झेल रहे प्रदेश के पांच जिलों के लिए 4751 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से जल संरक्षण एवं प्रबन्धन का एक प्रस्ताव तैयार किया है। राज्य सरकार ने इस मामले को किसी बाहरी एजेंसी के माध्यम से निधि के लिए केन्द्र के समक्ष उठाया है। बागवानी को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2022 तक 10 लाख नए पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

मुख्मयंत्री ने कहा, प्रदेश सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुढ़ करने के लिए स्वास्थ्य में सहभागिता योजना, मुख्यमंत्री निरोग योजना, मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना तथा मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष जैसी नई योजनाओं को कार्यान्वित करने का निर्णय लिया है। राष्ट्रीय एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से 10 लाख से भी अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं तथा संस्थागत प्रसव की दर 50 से बढ़कर 80 प्रतिशत हुई है।

जयराम ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण मिशन के अन्तर्गत चम्बा, हमीरपुर, सोलन, शिमला और ऊना जिलों को लाया गया है तथा प्रदेश सरकार इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक पदों को भरने के प्रयास कर रही है। भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार प्रदेश सरकार मुख्यालय स्तर से जुड़े पदों का 21 करोड़ रुपये का वित्तीय भार उठाएगी। उन्होंने केन्द्र से राज्य के हित में इस निर्णय की समीक्षा करने का आग्रह किया ताकि कार्यक्रम के अन्तर्गत लक्ष्यों को शीघ्र हासिल किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘स्पेशल डिवेल्पमेंट नीड्स ऑफ एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स’ के अन्तर्गत जिला चम्बा को चिन्हित किया गया है तथा जिला प्रशासन ने जिले के एकीकृत विकास के लिए तीन वर्षीय विस्तृत कार्य योजना तैयार की है, जिसे केन्द्र सरकार को सौंपा गया है।

उन्होंने बैठक में बताया कि गत वित्तीय वर्ष के दौरान जैम पोर्टल को क्रियाशील बनाया गया है तथा अभी तक 15.88 करोड़ रुपये की वित्तीय लेन-देन किए गए, जबकि भीम ऐप के माध्यम से 658 करोड़ रुपये के लेन-देन किए गए हैं। उन्होंने बताया कि गत वर्ष आधार के माध्यम से 34 योजनाओं के अन्तर्गत 1067 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण किए गए हैं।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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