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मुख्य समाचार

निजी काम के लिए पुलिसकर्मियों के इस्तेमाल की इजाजत नहीं : विजयन

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तिरुवनंतपुरम, 18 जून (आईएएनएस)| केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने सोमवार को यह स्पष्ट किया कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को उनके निजी कामों के लिए पुलिसकर्मियों से सेवा लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। विजयन सदन में कांग्रेस विधायक के.एस. सबरीनाथ द्वारा दाखिल प्रश्न का जवाब दे रहे थे।

विजयन ने कहा कि इसकी शुरुआत ब्रिटिश काल में हुई थी और यह बीते सात दशकों से चला आ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा, इस मामले को अब गंभीरता से लिया जा रहा है। कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा, सभी लोगों के मूलभूत मानवाधिकारों की रक्षा की जाएगी और हम वादा करते हैं कि सरकार किसी भी उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगी।

राज्य में मौजूदा समय में लगभग 2000 पुलिसकर्मी अधिकारियों के घरों पर तैनात हैं और प्राय: उन्हें अधिकारियों के घरों के भी काम करने पड़ते हैं।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुदेश कुमार को शनिवार को उनके और उनके परिजनों द्वारा खराब व्यवहार और कानून का उल्लंघन करने की वजह से तबादला कर दिया गया था। कुमार सशस्त्र पुलिस बटालियन के प्रमुख भी हैं।

आरोप लगाया गया था कि पिछले सप्ताह कुमार की बेटी और पत्नी ने उनके आधिकारिक वाहन के चालक पुलिसकर्मी गावस्कर के साथ दुर्व्यवहार किया था।

कुमार की बेटी पर आरोप है कि उन्होंने गावस्कर को गाली दी थी और मोबाइल फोन से उसकी पिटाई की थी। कुमार की बेटी ने ऐसा इसलिए किया था, क्योंकि उन्हें लेने आने में गावस्कर को देरी हो गई थी। गावस्कर अभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती है।

विधायक सबरीनाथ ने कहा कि गावस्कर और परिजन उनके विधानसभा क्षेत्र से आते हैं।

उन्होंने कहा, इस बात का अब पता चल गया है कि महिला ने गावस्कर की अपने मोबाइल फोन से उसके आंख और गर्दन के नीचे सात बार पिटाई की..पुलिस ने 10 घंटे बाद उसका बयान दर्ज किया, जबकि पुलिस ने पहले अधिकारी की बेटी का बयान लिया।

विजयन ने सदन को बताया कि अपराध शाखा के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं।

विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि मामले को अनिश्चितकाल के लिए नहीं खींचा जाना चाहिए, जिसपर मुख्यमंत्री ने कहा, जांच में बेवजह की कोई भी देरी नहीं होगी।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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