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मुख्य समाचार

गोवा सरकार को ब्रिक्स भोजन घोटाले की रपट सौंपने का निर्देश

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पणजी, 20 जून (आईएएनएस)| मुंबई उच्च न्यायालय की पणजी पीठ ने मंगलवार को अपने निर्देश दिया कि 2016 में हुए अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान 51 लाख रुपये के ब्रिक्स भोजन घोटाले में गोवा के मुख्य सचिव की रपट गोवा मानवाधिकार आयोग (जीएचआरसी) को सौंपी जाए। न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यामूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ का आदेश ऐसे समय में आया है, जब इसके पहले राज्य सरकार ने आयोग के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसने गोवा के मुख्य सचिव को कहा था कि ड्यूटी पर तैनात रहे पुलिसकर्मियों को अस्वास्थ्यकर भोजन परोसे जाने के कारण हुए कथित मानवाधिकार उल्लंघन की नए सिरे से जांच करें।

राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में तर्क दिया था कि एक जांच पहले ही की जा चुकी है।

शहर के एक अधिवक्ता ऐरेस रॉड्रिग्स ने अक्टूबर 2016 में आयोग में दायर अपनी याचिका में कहा था कि भोजन की व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध खानसामे को 51.60 लाख रुपये का ठेका दिया था, लेकिन बाद में यह ठेका कथित रूप से एक अन्य ठेकेदार को दिया गया, जिसने खुले आसमान के नीचे घटिया खाना तैयार कराया।

तत्कालीन आयोग को सौंपी गई याचिका में आरोप लगाया गया था, इसके बाद लापरवाह कारीगरों ने गंदे स्थान पर घटिया खाना बनाया। प्लास्टिक की खुली बोतलों में पानी रखा गया था और उसी का इस्तेमाल खाना बनाने में किया गया। पुलिसकर्मियों को खाना परोसे जाने के स्थान पर बड़ी-बड़ी झाड़ियां और घास थी और उसके आस-पास कीड़े और तिलचट्टे मौजूद थे।

याचिका में कहा गया था, राज्य सरकार ने कार्यक्रम में दूसरे देशों से आए सभी गणमान्य नागरिकों के लिए तो सभी व्यवस्था की, लेकिन सरकार ने अपने पुलिस कर्मियों के मामले में बुनियादी मौलिक अधिकारों और मानवाधिकारों को नजरंदाज कर दिया।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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