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प्रादेशिक

चैत्र नवरात्र के पहले दिन मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु

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Navratri Puja

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लखनऊ। नव संवत्सर चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के साथ ही शनिवार से वासंतिक नवरात्र की शुरुआत हो गई। नवरात्र की शुरुआत पर राजधानी लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, बनारस सहित यूपी के विभिन्न शहरों के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। चैत्र नवरात्र के पहले दिन देवी दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा हो रही है। दूर-दराज इलाकों से भी श्रद्धालु देवी मां के प्रसिद्ध मंदिरों में शीश नवाने के लिए पहुंच रहे हैं और परिवार की सुख-शांति के लिए मन्नतें मांग रहे हैं।
20 मार्च शुक्रवार को दोपहर 3:27 बजे से चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा यानी नव संवत्सर (2072 कीलक संवत्सर) की शुरुआत हो गई है। चूंकि इस बार चतुर्थी-पंचमी एक ही दिन पड़ रही हैं, इसलिए आठ दिन के नवरात्र हैं। नवमी का व्रत 28 मार्च को रखा जाएगा।

शनिवार को मंदिरों के बाहर सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गईं। पुलिस प्रशासन ने किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए मंदिर परिसरों के बाहर सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है। लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर के पुजारी छोटेलाल तिवारी ने बताया कि भगवती दुर्गा का पहला स्वरूप शैलपुत्री का है। हिमालय के यहां जन्म लेने से उन्हें शैलपुत्री कहा गया। इनका वाहन वृषभ है। तिवारी ने बताया कि उनके दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल है। इन्हें पार्वती का स्वरूप भी माना गया है। ऐसी मान्यता है कि देवी के इस रूप ने ही शिव की कठोर तपस्या की थी और इनके दर्शन मात्र से वैवाहिक कष्ट दूर होते हैं।

आचार्य अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि नवरात्रि में देवी की पूजा का खास महत्व है। दुर्गा का अर्थ है परमात्मा की वह शक्ति, जो स्थिर और गतिमान है, लेकिन संतुलित भी है। किसी भी तरह की साधना के लिए शक्ति का होना जरूरी है। यह शक्ति हमें देवी मां की पूजा करने से मिलती है।

विभिन्न मंदिरों में होंगे कार्यक्रम
राजधानी के ठाकुरगंज के मां बाघंबरी पूर्वी देवी सिद्धपीठ मंदिर, शास्त्रीनगर दुर्गा मंदिर, चौपटियां के संदोहन देवी मंदिर में इस बार भी हर दिन नई नई थीम पर मां का शृंगार होगा। इस दौरान देवी का फल, फूल, मेवा, शाकभाजी आदि से अलग-अलग दिन विशेष शृंगार किया जाएगा। पुराने लखनऊ के छोटी-बड़ी कालीजी मंदिर में नवरात्र भर भक्तों की भारी भीड़ जुटेगी। इसके लिए साफ-सफाई रंग-रोगन ने तेजी पकड़ी है। उधर, ऐशबाग रामलीला मैदान में शनिवार से नौ दिनों तक चैती महोत्सव की धूम रहेगी। श्री रामलीला समिति ऐशबाग की ओर आयोजित महोत्सव में रोजाना सुबह से शाम तक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। पहले दिन महोत्सव का उद्घाटन पूर्व सांसद लालजी टंडन, महापौर डॉ. दिनेश शर्मा करेंगे।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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