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केंद्र को राजनीतिक दलों के विदेशी वित्तपोषण को लेकर नोटिस
नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार से एक याचिका पर जवाब मांगा जिसमें विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम में संशोधन को चुनौती दी गई है।
याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने भाजपा और कांग्रेस को विदेश से वित्तपोषण का दोषी ठहराया था, जिसके बाद इस संशोधन को दोनों पार्टियों को राहत दिलाने के लिए लाया गया था।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई.चंद्रचूड़ की पीठ ने केंद्र सरकार को एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) की याचिका पर नोटिस जारी किया। याचिका में एफसीआरए 2010 में वित्त अधिनियम के अनुच्छेद 236 के जरिए किए गए संशोधन और वित्त अधिनियम 2018 के अनुच्छेद में संशोधन को ‘अमान्य, अवैध और असंवैधानिक’ घोषित करने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि एफसीआरए में संशोधन दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश को पलटने के लिए किया गया था, जिसमें भाजपा और कांग्रेस को विदेशी कंपनियों से चंदा लेने का दोषी पाया गया था।
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ याचिका को सर्वोच्च न्यायालय में खारिज कर दिया गया था।
जनहित याचिका के अनुसार, एफसीआरए 1976 में संशोधन से विदेशी कंपनियों से अथाह धन प्राप्त करने के रास्ते खुल गए, जिस वजह से विदेशी स्रोत से प्राप्त धन वैध हो गया।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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