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लिवाली बढ़ने से चने में फिर लौटी तेजी

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नई दिल्ली, 12 जुलाई (आईएएनएस)| लिवाली बढ़ने से गुरुवार को फिर चने की कीमतों में तेजी आई। घरेलू वायदा बाजार में चने के दाम में डेढ़ से दो फीसदी का उछाल दर्ज किया गया।

हालांकि हाजिर भाव में कोई विशेष बढ़त नहीं थी मगर मौजूदा कीमतों पर मिलों की मांग बढ़ गई। देश में कृषि उत्पादों का सबसे बड़ा वायदा बाजार नेशनल कमोडिटी एंड डेरीवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) पर बेंचमार्क अगस्त डिलीवरी चना अनुबंध में अपराह्न् 3.09 बजे 69 रुपये यानी 1.79 फीसदी की तेजी के साथ 3,917 रुपये प्रतिक्विं टल पर कारोबार हुआ। इससे पहले अगस्त वायदा सौदा 3,850 रुपये पर खुला और 3,928 रुपये प्रति क्विंटल तक उछला। कारोबार के दौरान अगस्त सौदे में निचला स्तर 3,840 रुपये प्रतिक्विं टल रहा।

एनसीडीईएक्स पर जुलाई अनुबंध बढ़त के साथ 3,827 रुपये पर खुला और 3,890 रुपये प्रति क्विं टल तक उछला। हालांकि बाद में 74 रुपये यानी 1.94 फीसदी की बढ़त के साथ 3,881 रुपये प्रति क्विं टल पर कारोबार हुआ।

चना के भाव में पिछले दो हफ्ते के दौरान करीब 450 रुपये की तेजी आई है। इससे पहले 26 जून को जुलाई चने का जुलाई अनुबंध एनसीडीईएक्स पर 3,423 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ था। हालांकि इससे पहले मंगलावार को बुधवार को ऊंचे भाव पर मुनाफावसूली के कारण चने के भाव में आई तेजी थम गई थी।

हाजिर में दिल्ली के लॉरेंस रोड मंडी में गुरुवार को राजस्थान लाइन चना स्थिर भाव 4,000 रुपये प्रति क्विं टल और मध्यप्रदेश लाइन चना 50 रुपये की बढ़त के साथ 3,950 रुपये प्रति क्विं टल पर बिका। स्थानीय चना कारोबारी ने बताया कि मौजूदा भाव पर मिलों की मांग तेज है।

कारोबारियों के अनुसार, हाजिर बाजार में चने की आपूर्ति कम हो रही है जबकि मांग तेज है इसलिए तेजी देखी जा रही है।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से फसल वर्ष 2017-18 (जुलाई-जून) के लिए जारी तीसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार देश में इस साल चना का उत्पादन 116.6 लाख टन है, जबकि पिछले साल 2016-17 में चने का उत्पादन 93.8 लाख टन था।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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