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पाकिस्तान चुनाव : हिंसा व आत्मघाती विस्फोट में 32 मरे

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इस्लामाबाद, 25 जुलाई (आईएएनएस)| पाकिस्तान में बुधवार को नई सरकार के चुनाव के लिए हो रहे मतदान के बीच हिंसा व बलूचिस्तान में हुए आत्मघाती हमले में करीब 32 लोग मारे गए और कई घायल हुए। अधिकांश लोग बलूचिस्तान में हुए हमले में मारे गए हैं।

जियो न्यूज के मुताबिक, इस हमले में मतदान केंद्र के पास उप महानिरीक्षक अब्दुल रज्जाक चीमा के काफिले को निशाना बनाया गया। हालांकि, हमले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सुरक्षित बच गए, लेकिन कुछ पुलिसकर्मियों सहित 31 लोग मारे गए।

सिविल अस्पताल क्वेटा के अधिकारियों ने हताहतों की पुष्टि की है।

जैसा कि लोग तमीर-ए-नौ मॉडल स्कूल में वोट डालने जा रहे थे, इलाके में काफी भीड़ थी। विस्फोट के बाद मतदान केंद्र पर मतदान प्रक्रिया बाधित हो गई।

हालांकि, मतदान केंद्र आधिकारिक तौर पर सुबह आठ बजे खुले लेकिन मतदाताओं को सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों के बाहर कतार में खड़े देखा गया। मतदान केंद्र शाम छह बजे तक खुले रहेंगे और साथ ही मतों की गिनती भी हो रही है।

निर्वाचन अधिकारियों के मुताबिक, चुनाव का अंतिम परिणाम मतदान खत्म होते ही गुरुवार सुबह या दोपहर तक आने की उम्मीद है।

खैबर पख्तूनख्वा के नवान काली में एक मतदान केंद्र के बाहर अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ता की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए।

दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच मरदान में भी झड़प हुई। गोलीबारी की घटना में कई लोग घायल हुए हैं। झड़प के बाद पुलिस ने प्रभावित इलाके को अपने नियंत्रण में ले लिया।

बलूचिस्तान के डेरा मुराद जमाली में हुई गोलीबारी की घटना में भी दो लोग मारे गए।

एक अलग घटना में भुट्टो परिवार का घर माने जाने वाले सिंध के लरकाना में एक राजनीतिक कैंप के बाहर हुए विस्फोट में चार लोग घायल हो गए।

निर्दलीय उम्मीदवार जिब्राम नसीर ने कहा कि तहरीक-ए-लब्बाकि पाकिस्तान समर्थकों ने कराची के चांडियो गांव के एक सुविधा केंद्र पर हमला किया।

आम चुनाव में राष्ट्रीय और प्रांतीय असेंबली की कुल 849 सीटों के लिए 12,570 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। करीब 10.6 करोड़ लोग मतदान करने के योग्य हैं।

मुख्य मुकाबला शाहबाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), बिलावल भुट्टो जरादारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के बीच है।

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने 25 जुलाई को देश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है ताकि बड़ी संख्या में लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।

देशभर में मतदान केंद्रों पर कानून और व्यवस्था बनाए रखने और किसी प्रकार के उत्पीड़न के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए चार लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।

देशभर में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए मतदान केंद्रों में 3,71,388 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।

एक चुनाव अधिकारी के मुताबिक, 5,878 मतदान केंद्रों को अत्यधिक संवेदनशील घोषित किया है, इसका मतलब है कि यहां हिंसा हो सकती है। पंजाब और इस्लामाबाद में 5,487, खैबर पख्तूनवा और संघ शासित कबायली इलाके (फाटा) में 3,874 और बलूचिस्तान में 1,768 संवेदनशील मतदान केंद्र हैं।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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