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मुख्य समाचार

बिहार सरकार सूखे की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार : कृषि मंत्री

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पटना, 25 जुलाई (आईएएनएस)| बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बुधवार को कहा कि बिहार सरकार सूखे की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। राज्य सरकार स्थिति पर पूरी तरह नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर 31 जुलाई तक बारिश नहीं होती है तो राज्य सरकार सूखाग्रस्त क्षेत्र भी घोषित करेगी। बिहार विधनसभा में ‘राज्य में सुखाड़ (सूखे) के कारण उत्पन्न स्थिति’ पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि पिछले एक-दो दिनों में राज्य में मौसम ने करवट ली है और कई जिलों में अच्छी बारिश हुई है। वैसे सरकार सुखाड़ से निपटने की तैयारी कर चुकी है।

उन्होंने कहा कि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसके लिए सरकार सजग है। सरकार ने पहली बार डीजल पर 50 रुपये अनुदान दे रही है। सरकार ने व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए डीजल अनुदान की राशि 21 दिनों के अंदर सीधे उनके खाते में भेज रही है। उन्होंने बताया कि डीजल अनुदान के लिए अब तक 20,082 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।

उन्होंने कहा कि 31 जुलाई को उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है, जिसमें स्थिति की समीक्षा की जाएगी और अगर आवश्यकता होगी तो सुखाड़ क्षेत्र घोषित करेगी।

इसके पहले चर्चा में भाग लेते हुए विधनसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग की। उन्होंने सरकार पर समय रहते काम नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज अगर इस आशंका को लेकर सरकार सजग रहती तो राज्य में किसानों के लिए यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती।

बिहार विधानसभा में बुधवार को ‘राज्य में सुखाड़ के कारण उत्पन्न स्थिति’ पर विशेष चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मानसून की समय पर बारिश नहीं होने से किसानों की हालत खराब है।

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार आज आंकड़े पेश कर रही है, अगर यही कुछ समय रहते किया गया होता तो यह स्थिति ही उत्पन्न ही नहीं होती।

तेजस्वी ने कहा, बिहार में 53 फीसदी कम बारिश हुई है। सरकार चाहती तो 45 फीसदी से कम बारिश पर ही सूखाग्रस्त घोषित कर सकती थी, लेकिन उन्होंने नहीं किया। सरकार किसानों के लिए कुछ नहीं कर रही है।

तेजस्वी ने किसानों के कर्ज माफ करने की मांग करते हुए कहा कि सोन नदी में मध्यप्रदेश स्थित बांध से पानी नहीं दिया जा रहा है, जबकि मध्य प्रदेश में भी भाजपा की सरकार है।

उन्होंने कहा कि बिहार को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित कर केंद्र सरकार से सहायता मांगी जानी चाहिए, जिससे यहां के किसानों को राहत मिल सके। इस क्रम में तेजस्वी ने पालतू पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करने की भी मांग की।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के विधायक जीतन राम मांझी ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि आज सरकार कह रही है बिजली की स्थिति सुधरी है परंतु जरूरी किसानों को बिजली बिल माफ करने की है और नहरों में पानी पहुंचाने की है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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