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तेजस्वी, शत्रुघ्न ने ‘सुपर 30’ के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साजिश बताया

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पटना, 30 जुलाई (आईएएनएस)| भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने के लिए देशभर में चर्चित संस्थान ‘सुपर 30’ को कुछ लोगों द्वारा बदनाम करने की साजिश की भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने निंदा की है। केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव भी आनंद कुमार के बचाव में उतरे।

‘बिहारी बाबू’ के नाम से चर्चित शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट कर कहा, मैं सुपर 30 के आनंद कुमार पर गर्व करता हूं। आशा है समाज के लोग इन प्रायोजित मुद्दों के विरोध में आनंद कुमार के साथ खड़े होंगे, जिससे वह अपने देश को शीर्ष पर ले जाने के मिशन जारी रख सकें।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि कुछ लोग निहित स्वार्थ में जिसका सुपर 30 से कोई संबंध नहीं है के कारण बिहार के बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, मैं व्यक्तिगत रूप से आनंद को जानता हूं, निसंदेह उनका काम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है, इसमें कुछ लोग बाधा डाल रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर कहा, यह दुखद है कि सुपर 30 के संचालक आनंद कुमार के खिलाफ अभियान छेड़कर कुछ खास समूह उनकी छवि को धूमिल कर रहे हैं। समाज के मेहनतकश वंचित, शोषित व पिछड़े तबके वाली पृष्ठभूमि से निकलकर आनंद की सुपर 30 ने बिहार और भारत का नाम रोशन किया है जिसकी प्रशंसा की जानी चाहिए।

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने लोगों को आनंद के साथ खड़े होने की अपील करते हुए ट्वीट कर कहा, प्रत्येक बिहारी को आनंद की उपलब्धियों और पुरस्कारों पर गर्व है। उन्होंने राज्य के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण के माध्यम से प्रसिद्घि पाई है। उन्होंने गरीब बच्चों को मार्गदर्शन देकर नया जीवन दिया है। चलो एकजुटता से उनके साथ खड़े हो जाओ।

राजद नेता ने कहा कि आनंद कुमार को बदनाम करने के लिए कुछ ताकतें मीडिया में सुपर 30 के खिलाफ गलत प्रचार करवा रही हैं। उन्होंने कहा कि आनंद गरीब बच्चों को शिक्षित करते हैं, यही कारण है कि उन पर एक बायोपिक भी बन रही है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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