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धारा 66ए पर फैसले का स्वागत : रविशंकर 

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नई दिल्ली| सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 66ए को रद्द करने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि सत्ता में मौजूद लोगों को आलोचना के प्रति सहनशील और उदार होना चाहिए। प्रसाद ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करते हैं। सरकार अभिव्यक्ति की आजादी के लिए प्रतिबद्ध है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां विचारों के मुक्त आदान-प्रदान की प्रक्रिया का सम्मान किया जाना चाहिए। हम किसी भी अधिकार का हनन नहीं करना चाहते।” हालांकि प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया पर विचारों का आदान-प्रदान करते समय स्वानुशासित होना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “देश में ऐसे लाखों लोग हैं, जो सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। मैं स्वयं आत्म-नियमन का समर्थक हूं और इसलिए मानता हूं कि आत्म-नियमन होना अधिक जरूरी है।”

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया मंचो को भी आत्म-नियमन करना चाहिए। इससे पहले उन्होंने कहा था कि सरकार सोशल मीडिया पर असंतोष जताने या स्वस्थ व सही आलोचना पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है। प्रसाद ने कहा, “हम सोशल मीडिया पर विचारों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया का सम्मान करते हैं। हम सोशल मीडिया पर स्वस्थ व सही आलोचना और असहमति जताने पर प्रतिबंध के पक्ष में नहीं हैं।” इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि धारा 66ए संविधान के अनुच्छेद 19(1) ए का उल्लंघन है, जो भाषण और अभिव्यक्ति की आजादी की गारंटी देता है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन की पीठ ने कहा, “आईटी अधिनियम की धारा 66ए को पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है।” न्यायमूर्ति नरीमन ने फैसला सुनाते हुए कहा, “हमारा संविधान विचारों, अभिव्यक्ति और धर्म की आजादी प्रदान कराता है। लोकतंत्र में इन मूल्यों को संवैधानिक दायरे में मुहैया कराया जाना चाहिए। धारा 66ए अपनी संपूर्णता में अस्पष्ट है।”

 

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लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर श्रद्धा वॉकर का हत्यारा आफताब पूनावाला

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नई दिल्ली । लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. सूत्रों के मुताबिक, मीडिया में चल रही खबरों का संज्ञान लेते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन, आफताब पूनावाला की सुरक्षा को लेकर अलर्ट हो गया है क्योंकि उसे लॉरेंश बिश्नोई गैंग से खतरे की बात सामने आई है. तिहाड़ जेल के अंदर जेल नंबर 4 में आफताब पूनावाला को रखा गया है. आफताब, श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड का आरोपी है. दिल्ली के छतरपुर इलाके में आफताब ने श्रद्धा की हत्या करके उसके शरीर को कई टुकड़ों में बांट दिया था.

तिहाड़ जेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मुंबई पुलिस से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है लेकिन प्रशासन ने मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लिया है. मुंबई पुलिस के मुताबिक, आफताब पूनावाला लारेंस बिश्नोई गैंग के शूटरों के निशाने पर है.

क्या है मामला ?

पुलिस की जांच में सामने आया था कि 18 मई 2022 की शाम करीब 6:30 से 7:00 बजे के बीच श्रद्धा विकास वॉल्कर की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में आरोपी आफताब और पीड़िता के बीच रिलेशनशिप की टाइम लाइन अहम रही. मई 2019 से मार्च 2022 के दौरान मुंबई में आरोपी और पीड़िता की मुलाकात हुई और प्रेम संबंध बन गए थे. दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे थे और खुद को शादीशुदा जोड़े के तौर पर दिखाते थे. उन्होंने 3 जगहों पर एक के बाद एक किराए का मकान लिया था, जहां वे रहते थे. दोनों 2 जगहों पर साथ काम कर चुके थे.

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