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मुख्य समाचार

उप्र : राष्ट्रपति ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ समिट का शुभारंभ करेंगे

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लखनऊ, 10 अगस्त (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में निवेश को लेकर हाल ही में संपन्न हुई ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से उत्साहित राज्य सरकार ने ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ (ओडीओपी) समिट की तैयारी जोरदार ढंग से की है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार को इसका उदघाटन करेंगे। इस दौरान राज्यपाल राम नाईक एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग की ओर से पहली बार ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ (ओडीओपी) समिट का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इस दौरान लाभार्थियों को ऋण पत्र और टूल किट भी वितरित किया जाएगा।

इस मौके पर अमेजन, क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और हेल्थकेयर के प्रतिनिधियों व राज्य सरकार के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए जाएंगे। समिट को राष्ट्रपति के अलावा राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, लघु उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी भी संबोधित करेंगे।

राष्ट्रपति सबसे पहले प्रदेश के सभी 75 जिलों से संबंधित प्रमुख उत्पादों की प्रदर्शनी देखेंगे। वे वहां मौजूद उद्यमियों से बातचीत भी करेंगे। राष्ट्रपति ओडीओपी कॉफी टेबल बुक के विमोचन के साथ-साथ ओडीओपी की वेबसाइट व टोल फ्री नंबर भी शुरू करेंगे।

समिट में राज्य सरकार की ओर से 4,084 लाभार्थियों को 1,000 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जाएगा। सरकार ने हर साल एक लाख लोगों को ओडीओपी योजना से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

उप्र सरकार के मंत्री सत्यदेव पचौरी ने बताया कि यूपी पहला ऐसा प्रदेश है जो ओडीओपी के माध्यम से लोगों को उनके घर में ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए परंपरागत कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दे रहा है। प्रदेश में इस समय 8,900 करोड़ रुपये के उत्पाद का ही निर्यात होता है जिसे बढ़ाकर 2 लाख करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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