Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

केरल : बारिश, बाढ़ के बाद अधिकांश स्कूल खुले

Published

on

Loading

तिरुवनन्तपुरम, 29 अगस्त (आईएएनएस)| केरल में सदी की सबसे प्रलयकारी बाढ़ के साथ पड़े ओणम पर्व की 10 दिनों की छुट्टियां खत्म होने के बाद प्रदेश के ज्यादातर स्कूल बुधवार को खुल गए।

त्रासदी के बाद ज्यादातर स्कूल राहत शिविर में बदल गए थे। स्कूल खुलने पर राहत शिविरों में रहने वाले विद्यार्थियों सहित सैकड़ों विद्यार्थी अपनी कक्षाओं में पहुंचे। इस दौरान वे अपने पुराने सहपाठियों और शिक्षकों से दोबारा मिलकर तथा कुछ मामलों में अपने विद्यालयों की क्षतिग्रस्त इमारतों को देखकर भावुक हो गए।

केरल में नौ अगस्त से अभूतपूर्व बाढ़ आने से 14 लाख लोग लगभग 3,000 राहत शिविरों में रह रहे थे। इनमें ज्यादातर राहत शिविर स्कूलों में बनाए गए थे।

शिक्षामंत्री सी. रवींद्रनाथ ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि बाढ़ से 650 स्कूल प्रभावित हो गए थे, जिनमें 211 स्कूलों को छोड़कर अन्य सभी स्कूल खुल गए हैं। रवींद्रनाथ कॉलेज के प्रवक्ता रह चुके हैं।

उन्होंने कहा, आज पढ़ाई नहीं हुई। बारिश और बाढ़ से परेशानी झेलने वाले इन युवा मस्तिष्कों के लिए यह भावनात्मक क्षण था।

उन्होंने कहा, पिछले सप्ताह मैं जब राहत शिविरों में गया था तो कई विद्यार्थियों ने मुझसे आकर पूछा था कि क्या वे स्कूल जा सकते हैं।

अलप्पुजा जिला के कुट्टानाडु क्षेत्र में व्यापक सफाई अभियान जारी होने के कारण कई स्कूल बंद रहे।

हालांकि सबसे ज्यादा प्रभावित स्थानों में से एक इडुक्की में सभी 458 स्कूल खुल गए।

शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा, एक स्कूल को नजदीकी गिरिजाघर से संचालित किया गया। ज्यादातर स्कूलों में कल शाम ही सफाई हुई।

इसी तरह मलप्पुरम और कोझिकोड में स्कूल खुले।

एक अधिकारी ने कहा, कोझिकोड में 160 स्कूलों में राहत शिविर बनाए गए थे और सभी चल रहे हैं।

प्रत्येक जिले में, प्रशासन ने विद्यार्थियों को भावनात्मक सहयोग करने वाले स्वयंसेवियों के लिए परामर्श सत्र शुरू कर दिए हैं।

त्रिसूर के चलक्कुडी में स्वयंसेवियों द्वारा पूरे स्कूल की सफाई करने के बावजूद बुधवार को विद्यार्थियों ने दोबारा सफाई की।

कक्षा नौ के एक छात्र ने कहा, मेरे पास कुछ नहीं बचा है और जो यूनीफॉर्म मैंने पहन रखा है वह प्रशासन ने मुझे मंगलवार को दिया। मेरी सभी किताबें और प्रमाण पत्र बाढ़ में बह गए।

Continue Reading

नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

Published

on

Loading

नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

Continue Reading

Trending