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मुख्य समाचार

डेवलपमेंट इंपैक्ट बांड से 7 हजार बच्चे लाभान्वित : एजुकेट गर्ल्स

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नई दिल्ली, 29 अगस्त (आईएएनएस)| देश के पिछड़े इलाकों में शिक्षा का अलख जगाने के कार्य में जुटी संस्था ‘एजुकेट गर्ल्स’ ने बुधवार को यहां शिक्षा के क्षेत्र में अपने डेवलपमेंट इंपैक्ट बांड (डीआईबी) के परिणामों की घोषणा की।

संस्था ने बताया कि 2015 में राजस्थान के भीलवाड़ा से अपना सफर शुरू कर आज वह इलाके के 140 गांवों में के 166 स्कूलों में अपने कार्यक्रम का संचालन कर रही है। एजुकेट गर्ल्स की ओर से बुधवार को आयोजित सम्मेलन में कहा गया संस्था की इस पहल से महज तीन साल में 7,000 से अधिक बच्चे लाभान्वित हुए हैं।

संस्था ने कहा कि यह अपने तरह की दुनिया का अनोखा डेवलपमेंट इंपैक्ट बांड है जिसके तहत जुटाए गए फंड से बच्चों के लिए शिक्षा की परियोजनाओं का संचालन किया जाता है। संस्था ने कहा कि प्राथमिक और उच्च प्रथामिक विद्यालयों में लड़कियों का दाखिला करवाने और लड़कियों और लड़कों की अंग्रेजी, हिंदी और गणित में प्रगति की जो रिपोर्ट आई है वह काफी उत्साहवर्धक है।

संस्था ने कहा कि एजुकेट गर्ल्स डीआईबी ने दोनों कार्यो में अपने लक्ष्य से ज्यादा प्रगति हासिल की है। मसलन, लड़कियों के दाखिले के मासले में निर्धारित लक्ष्य से 116 फीसदी अधिक कामयाबी मिली है जबकि बच्चों के अधिगम (सीखने) में 160 फीसदी की सफलता मिली है।

क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन आदिल जैनुलभाई की मौजूदगी में डीआईबी के नतीजे घोषित किए गए। परिणामों के आधार पर भुगतान का मॉडल इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन अपने निवेशकों को मूल निवेश के साथ-साथ अतिरिक्त रिटर्न एजुकेट गर्ल्स के माध्यम से प्रदान करता है। प्रगति का मूल्यांकन स्वतंत्र रूप से आईडी इनसाइट फर्म के द्वारा किया गया।

आदिल जैनुलभाई ने कहा कि एजुकेट गर्ल्स ने विभिन्न क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर बदलाव लाकर अपनी परियोजना परिणाम पेश किए हैं।

एजुकेट गर्ल्स की संस्थापक और कार्यकारी निदेशक सफीना हुसैन ने कहा, डीआईबी कार्यक्रम के माध्यम से एजुकेट गर्ल्स को वित्तीय मदद मिलती है और डीआईबी से हमें एक ऐसा संगठन खड़ा करने में मदद मिलती है जो बच्चों की शिक्षा के कार्यक्रम में योगदान देता है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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