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विधायिका में आरक्षण पर केंद्र को नोटिस

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नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका के संबंध में केंद्र व राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया। इस जनहित याचिका में देश में अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी/एसटी) से संबंध रखने वालों की संख्या में वृद्धि के अनुपात में संसद एवं राज्य विधानसभाओं में उनका प्रतिनिधित्व बढ़ाने की मांग की गई है।

वरिष्ठ वकील किरण सूरी ने न्यायालय को बताया कि 2002-2011 के बीच एससी/एसटी में 529 नई जातियां जुड़ गई हैं, जिससे एससी/एसटी जनसंख्या में पांच करोड़ की वृद्धि हुई है। इसके बाद प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल.दत्तू और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने केंद्र व राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ता व भारतीय विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी पूरन सिंह ने दलील दी कि अतिरिक्त जातियों के जोड़े जाने के बाद एससी/एसटी की जनसंख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन बावजूद इसके संसद व राज्य विधानसभाओं में उनके प्रतिनिधित्व में वृद्धि नहीं हुई है।

संसद तथा राज्य विधानसभाओं में एससी/एसटी को आनुपातिक आरक्षण के अलावा, उन्होंने आगामी पंजाब विधासभा चुनाव में अनुसूचित जाति को पर्याप्त आरक्षण देने के लिए विशेष निर्देश देने की मांग की। वकील दीपक आनंद के सहयोग से पूरन सिंह ने संविधान के अनुच्छेद 330 का हवाला दिया, जो लोकसभा में एसी/एसटी को आरक्षण प्रदान करता है और अनुच्छेद 332 जो विधानसभाओं में उन्हें सीटों का आरक्षण प्रदान करता है।

याचिकाकर्ता ने दलील दी कि अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) अधिनियम, 2002 तथा 2007 के मुताबिक, कई नए वर्गो को एससी सूची में शामिल किया गया है, परिणामस्वरूप आरक्षण के हकदारों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। जनहित याचिका के मुताबिक, केंद्र सरकार तथा निर्वाचन आयोग दोनों ने ही अपने संवैधानिक उत्तरदायित्वों का वहन नहीं किया और संविधान के अनुच्छेद 330, 332 तथा 243डी के तहत एससी के आनुपातिक प्रतिनिधित्व को मंजूरी नहीं दी।

याचिका के अनुसार, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) अधिनियम, 1976 के मुताबिक, एससी/एसटी सूची में न केवल जोड़ा या घटाया जा सकता है, बल्कि संसदीय व विधानसभा क्षेत्रों में प्रतिनिधियों के स्वत: पुन:समायोजन की बात भी कही गई है। पूरन सिंह ने कहा कि फिरोजपुर लोकसभा क्षेत्र में साल 2002 के पहले अनुसूचित जाति की आबादी 23 फीसदी थी, जो अब बढ़कर 42.3 फीसदी हो गई है। यह देश का दूसरा निर्वाचन क्षेत्र है, जहां अनुसूचित जाति की आबादी सर्वाधिक है।

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केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के

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कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।

सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।

चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट

पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।

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